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कोरोना वायरस और देश में जनता कर्फ्यू जारी रहने से क्या देश की जनता पर महंगाई की मार और कालाबाजारियों की चांदी नहीं होगी...??


दूकानदारों एवं जनता को जागरूक करने का जिला प्रशासन ने किया प्रयास 

 निर्धारित रेट से ज्यादा के दर पे न सामान बेचें, न खरीदें। 

प्रधानमंत्री से देशवासियों की ओर से एक सोचनीय प्रश्न....

राजेश कुमार वर्मा के साथ संजय कुमार 

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 25 मार्च,20 ) । 
ये सारा जिस्म झुककर बोझ से दुहरा हुआ होगा, मैं सजदे में नहीं था, आपको धोखा हुआ होगा। 
यहाँ तक आते-आते सुख जाती हैं कई नदियां, मुझे मालूम है, पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा। 
जी, इस वैश्विक आपदा के बीच बिहार के समस्तीपुर जिले के जिला पदाधिकारी कार्यालय द्वारा 24 मार्च 2020 को जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए एक पत्र जारी किया गया जिसमे लॉक डाउन की स्थिति में दुकानदार सामानों की कालाबाजारी नहीं कर सके, इसके लिए कुल 25 सामानों के रेट का निर्धारण किया गया, पत्र के माध्यम से दूकानदारों एवं जनता को जागरूक करने का प्रयास किया गया की वे निर्धारित रेट से ज्यादा के दर पे न सामान बेचें, न खरीदें। इस पत्र के 23 और 24वें नंबर पर आज के वर्तमान समय की सबसे अहम चीज मास्क और सेनेटाइजर का जिक्र किया गया है, लेकिन अफसोस की जिले के मुख्यालय से जारी पत्र के हवाले से कहा जा रहा है की उक्त दोनों अति-आवश्यक सामग्री जिले में अनुपलब्ध है। अब यहाँ से हमारे जेहन में कई सवालें कौंधी, जिसका उत्तर मैं अपने देश के प्रधानमंत्री से जानना चाहूँगा। 
प्रधानमंत्री महोदय, आप 26 मई 2014 से लगातार इस देश के प्रधानमंत्री हैं। अब, जबकि आप 05 वर्ष 09 महीने से लगातार इस देश के प्रधानमंत्री हैं, आपने देशवासियों में ये भरोसा दिलाने में शत-प्रतिशत सफलता पाई है की देश मजबूत हाथों में है। आपको हमलोग एक दूरदर्शी नेता के रूप में भी देखते आ रहे हैं, यानि की आगे आनेवाले खतरे को आप पहले ही भाँप लेते हैं। आपने अपने पौने छः वर्ष की अवधि में कई योजनाओं की शुरुआत की, लेकिन आज हम केवल MAKE IN INDIA पर चर्चा करेंगे। इस योजना की शुरुआत आपने 25 सितंबर 2014 को की थी। यानि इस योजना को आए भी साढ़े पाँच वर्ष हो चुकी है। इस दौरान इस योजना के नाम पर और इसके प्रचार-प्रसार के नाम पर देश का खरबों रुपया न्योछावर कर दिया गया। लेकिन बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है प्रधानमंत्री जी की MAKE IN INDIA के नाम पर खरबों न्योछावर करने के बाद भी हम टेक्नोलोजी और अन्य कई मामलों में, पहले की भांति आज भी विदेशी उत्पादों पर ही निर्भर हैं। हमारे समस्तीपुर जंक्शन के बाहर सर्कुलिटिंग एरिया में डीजल शेड के कर्मियों ने काफी मेहनत से एक कलाकृति बनाई जो MAKE IN INDIA की छवि को दिखा रही है, लेकिन आप यकीन मानिए, बचपन से हमारा रेल से भावनात्मक प्रेम (आपसे भी बहुत ज्यादा) रहने के बाद भी उस छवि को देखकर मुझे खुशी नहीं होती। क्योंकि मैं जानता हूँ की दस दिन पहले कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मैंने जो मास्क खरीदा था, उसके रैपर पर भी MADE IN CHINA ही लिखा था। प्रधानमंत्री महोदय, आप तो दूरदर्शी हैं और कोरोना वायरस की दहशत से लगभग दो माह पहले से ही विश्व के कई देश आक्रांत हैं, आपको तो चाहिए था की वर्तमान परिस्थिति की सबसे आवश्यक चीज मास्क और सेनेटाइजर का उत्पादन MAKE IN INDIA के तहत वृहत पैमाने पर किया जाता और बिना मुनाफे के उसे लागत मूल्य पर आम जनता को उपलब्ध कराया जाता। यकीन मानिए प्रधानमंत्री महोदय, मैं कंप्यूटर पर ये जो आर्टिकल लिख रहा हूँ, उसके की बोर्ड और माउस पर MADE IN CHINA ही लिखा हुआ है। योजनाओं के नाम पर प्रचार-प्रसार के लिए निजी टेलीविज़न चैनलों एवं समाचार पत्रों को तो आपने काफी राशि मुहैया करवा दी लेकिन उसके एवज में इस विपदा की घड़ी में आम जनता की सबसे आवश्यक चीज अगर आप मुहैया नहीं करवा सके, तो गंभीरता से सोचिए की उस योजना का क्या फायदा देश को मिला. ? समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा संजय कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।

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