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कोरोना वायरस से लड़ने में महिलाओं की भूमिका अहम, सभी का रख रहीं है ख्याल


• परिवारजनों को घर से नहीं निकलने के लिए कर रही प्रेरित
• कोरोना से बचाव में हाथों की भूमिका अहम
• सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सेल्फ आइसोलेशन जरूरी

राजीव रंजन कुमार

छपरा/सारण, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 26 मार्च,20 ) । नोवेल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दी गयी है। कोरोनावायरस के खिलाफ इस लड़ाई में जिले की महिलाएं भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं. महिलाएं स्वयं घरों में रह रही है और अपने बच्चों और परिवारजनों को घर में रहने के लिए प्रेरित कर रही है। इसमें गांव की महिलाएं भी अहम रोल निभा रही है।महिलाएं अपने पति या फिर परिवार के सदस्यों को घर से नहीं निकलने के लिए प्रेरित कर रहीं है।
सबके सामने खड़ी है बड़ी चुनौती: 
  ‘‘आज हम सबके सामने एक अलग किस्म की चुनौती आ खड़ी हुई है। यह एक कठिन चुनौती है और इसीलिए हालात मुश्किल भरे हैं। इन मुश्किल हालात में हम सभी की एकजुटता, संयम और अनुशासन के साथ सहयोग की भी परख होनी है। इसलिए मैं अपने परिवार का पूरा ख्याल रख रही हूँ. बच्चों को घर से निकलने नहीं दे रही हूँ’’.

कुसुम देवी, रिविलगंज
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इस बीमारी को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है: 

 इस बीमारी को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है इसलिए सभी को अतिरिक्त सावधानी का परिचय देना होगा। केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और उनके स्थानीय प्रशासन की ओर से दिए गए आदेशों-निर्देशों का पालन 10 में से 9 लोग ही करते हैं तो वह एक व्यक्ति न केवल अपनी सेहत के लिए खतरा पैदा करेगा, बल्कि पूरे समाज और देश के लिए भी संकट खड़ा करेगा।

गीता देवी, गृहणी, ब्रह्मपुर छपरा
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कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण में हाथों की बड़ी भूमिका है: 

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण में हाथों की एक बड़ी भूमिका है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति जब किसी से हाथ मिलाता है अथवा किसी सतह को छूता है और फिर कोई अन्य उस सतह को स्पर्श कर लेता है तो उसके इस बीमारी के चपेट में आने का अंदेशा बहुत बढ़ जाता है।

डॉ संजू प्रसाद, छपरा
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सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही जरूरी है सेल्फ आइसोलेशन: 

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही जरूरी है सेल्फ आइसोलेशन यानी खुद को अलग-थलग करना। इसके दोहरे फायदे हैं। यह आपको दूसरों की बीमारी से बचाएगा और दूसरों को आपकी बीमारी से। जिन्हें यह संदेह है कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, वे यदि अपने आप को एकांत यानी आइसोलेशन में रखें और मेल-जोल बंद कर दें तो परिवार और दोस्तों को बीमारी से बचा सकते हैं।

डॉ. नीला सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सदर अस्पताल छपरा
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पौष्टिक खाना खाएं और अपने कमरे में रहते हुए ही हल्का व्यायाम करें: 

कोरोनावायरस के संक्रमण की आशंका वाले लोगों को चाहिए कि वे कम से कम दो सप्ताह तक खुद को अलग-थलग रखें। इस दौरान एक अलग हवादार कमरे में रहें और अपना रुमाल, तौलिया आदि अलग रखें। इसके साथ ही अलग बाथरूम का प्रयोग करें और उसे साझा न करें। इस दौरान मेहमानों को घर पर न बुलाएं। इस दो सप्ताह आप परिवार के साथ रह सकते हैं, लेकिन उनसे मेलजोल कम रखें, दूरी बनाए रखें। इस दौरान पौष्टिक खाना खाएं और अपने कमरे में रहते हुए ही हल्का व्यायाम करें। डॉक्टर माधवेश्वर झा, सिविल सर्जन, सारण । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा राजीव रंजन कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।

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