सारण,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 29 अप्रैल,20 ) । सारण जिले के दिघवारा नगर पंचायत के वार्ड संख्या 06 के निवासी राजन रंजन नें अपने सारण दिघवारा के लिए इतिहास रच दिया है।और जब किसी इतिहास की बात होगी तो इस युवा राजन का भी नाम लोगों के हर जुबां पर होगा।आपकों बता दें कि महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक प्राईवेट कंपनी में काम करनेवाला वाले राजन महज सिर्फ 197 घंटों में ही अपने साईकिल की सवारी कर महाराष्ट्र से बिहार के सारण अपने गृह जिला दिघवारा छपरा पहुँच चुके हैं जहां वह पूरी तरह से शारीरिक रूप से स्वस्थ भी है। आगे उन्होंने बताया कि वह जब छपरा पहुँचे तो सबसे पहले अपने शहर के सदर अस्पताल में जाकर अपनी कोरोना जाँच रिपोर्ट करवाई जहां जाँच के बाद वहाँ के अधिकारियों व डाक्टरों नें उन्हें स्वयं को 12 दिनों के लिए क्वारंटाइन करने को कहा जिसका पालन वह बखूबी कर भी रहे है। आगे आपको बता दें कि राजन रंजन महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक प्राईवेट कंपनी में काम करते हैं जहां कोरोना वायरस के बचाव के चलते जिस कंपनी में यह कार्य करते थे वह कंपनी लॉक डाउन के कारण बंद हो गई।जहां इस कंपनी में कार्य करनेवाले सभी लोगों के लिए यहाँ रहना मुश्किल हो गया था वो मायानगरी महाराष्ट्र मुंबई जैसे शहर में मंहगाई के चलते खाने पीने की परेशानियां सबके सामने शुरू हो गई।जहां यातायात की सारी सुविधाएं बंद होने के कारण सभी को अपने घर पहुँचने में भी सभी लोगों के सामने आफत आ गई।वही राजन रंजन नें अपने चार उत्तरप्रदेश के साथियों के साथ महाराष्ट्र छोङने का फैसला कर लिया।लेकिन इन सभी के दिमाग में एक बात की परेशानी थी कि बिना यातायात के 1600 किलोमीटर इतना लंबा सफर की दूरी कैसे तय होगी जहां बहुत सोच विचार करने के बाद सबके मन में यह ख्याल आया कि साईकिल से ही इस लंबी यात्रा को पूरी कर अपने घर चला जाए। और उसके बाद सभी दोस्तों ने एक एक साईकिल की व्यवस्था की और दिनांक 16 अप्रैल को संध्या 05 बजे से अपने सभी साथियों के साथ साईकिल से बिहार के लिए निकल पड़े। आगे उन्होंने बताया कि रास्ते में लोगों ने उनकी मदद भी की जहां किसी ने भोजन दिया तो किसी ने पानी पीने के लिए की व्यवस्था कर दी। वही उत्तरप्रदेश बनारस पहुँचने पर यूपी के सभी साथियों नें उसका साथ छोड़ दिया जहां वह उत्तरप्रदेश से अकेले ही बिहार आरा के रास्ते होकर दिनांक 24 अप्रैल की रात 9 बजे अपने गृह जिला सारण दिघवारा घर पहुँच गए।जहां अपने घर पहुँचने पर उन्होंने स्वयं को 12 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर लिया जहां इनके घर पहुंचने पर इनके सभी परिजनों के चेहरे पर खुशियां लौट आई है और यह घटना चारों तरफ चर्चा का विषय बन चुका है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा राजीव रंजन कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma