लोकतंत्र में मान्यता प्राप्त संगठन के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता नहीं करना भारत के संविधान के अनुच्छेद-19 का उल्लंघन : सिद्धार्थ शंकर
सरकार माध्यमिक शिक्षा को पंचायती राज व्यवस्था से अलग कर सातवें वेतनमान लागू करें : शिक्षक संघ
समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 21 अप्रैल,20 ) । बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय एवं महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने एक संयुक्त बयान में कहा कि माध्यमिक संवर्ग के शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल के 57वें दिन भी अनवरत जारी है। संघ ने सरकार से मांग की है कि शिक्षक संगठनों द्वारा पूर्व में समर्पित मांग-पत्रों को फिर से एक बार समीक्षा करें। शिक्षकों का यह आंदोलन काफी गंभीर स्थिति से गुजर रहा है और इससे बिहार सरकार की छवि भी पूरे देश में कलंकित हो रही है। इस आशय की जानकारी देते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्य सह युवा नेता सिद्धार्थ शंकर ने महासचिव श्री सिंह के हवाले से बताया कि लोकतंत्र में मान्यता प्राप्त संगठन के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता नहीं करना भारत के संविधान के अनुच्छेद-19 का उल्लंघन है। राज्य के लाखों लाख छात्र-छात्राओं की पढ़ाई दूरदर्शन और आभासी दुनिया पर कभी सार्थक नहीं हो सकती है। उनकी पढ़ाई और राष्ट्र के भविष्य का निर्माण सरस्वती मंदिर में ही होता है और वहीं उन प्रतिभापुत्रों में नई संस्कृति और नए संस्कार का सृजन होता है। छात्र-छात्राओं में अपार जिज्ञासाओं एवं भविष्य की संभावनाओं की के अंकुरित हो रहे बीज को ही यह सरकार अनुर्वर बना देना चाहती है। देश के किसी भी राज्य में माध्यमिक शिक्षा पंचायत के अधीन नहीं है। सरकार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने पड़ोसी राज्य झारखंड की माध्यमिक शिक्षा की संरचना की ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहिए। यदि सरकार शिक्षा के गुणात्मक विकास के पाखंड का त्याग कर संस्कार युक्त प्रतिभाशाली जिज्ञासु भविष्य का निर्माण करना चाहती है तो उसे शिक्षकों को मानवीय गरिमा के साथ संवैधानिक मान्यता देनी ही होगी। श्री शंकर ने बताया कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की ऐसी कोई मांग नहीं है जो कोरोना जैसे गंभीर संकट में नहीं मानी जा सकती है। दमनात्मक कार्रवाई की वापसी, हड़ताल अवधि का वेतन ,माननीय मुख्यमंत्री द्वारा घोषित सातवें वेतनमान हू-ब-हू लागू करना, पाँच वर्षों तक लंबित सेवा शर्तों की अधिसूचना जारी करने के बाद ही राज्य की शिक्षा के व्यापक हित में सकारात्मक माहौल कायम करने की जवाबदेही सरकार की है। माननीय मुख्यमंत्री जब तक स्वयं इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे तब तक इस समस्या का समाधान नहीं होगा इसलिए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की अपील है कि वे कोरोना जंग की व्यस्तता से कुछ क्षण निकालकर इस गंभीर समस्या की ओर अपनी संवेदना प्रकट करें। समस्तीपुर कार्यालय से सुदर्शन कुमार चौधरी की रिपोर्ट राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma