मध्यवर्गीय परिवार के लोक लाज से अपनी पीड़ा भी नहीं बता पा रहे हैं
इस लाॅकडाउन से सबसे ज्यादा पीड़ा में मध्यवर्गीय परिवार में आ गए हैं
निजी कंपनियों में कार्य करने वाले ज्यादातर लोग हैं। इस लाॅकडाउन के चलते कमाई का स्रोत बंद है:
इस घडी में सरकार से अनुरोध है कि मध्यवर्गीय परिवारों को भी ध्यान रखते हुए इस महामारी में इन परिवारों को भी सहयोग करें : जगन्नाथ दास
सालमारी/कटिहार,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 21 अप्रैल,20 ) । इस कोरोना वायरस के चलते पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था गड़बड़ हो गई है ।इस लाॅकडाउन के चलते सभी सरकारी, गैर सरकारी संस्थान एवं कंपनी फैक्ट्री बंद और अपने अपने घर में लाॅकडाउन के चलते कैद हैं। इस लाॅकडाउन से सबसे ज्यादा पीड़ा में मध्यवर्गीय परिवार में आ गए हैं ।हालात यह है कि वे लाॅकडाउन से अपनी पीड़ा भी दूसरे को बता भी नहीं पा रहे हैं, ना ही दूसरे के मदद के लिए हाथ भी नहीं बढ़ा पा रहे हैं ।गौरतलब हो कि जिले में मध्यवर्गीय के परिवार की संख्या लाखों में है । समाजसेवी जगन्नाथ दास ने बताया कि इन परिवारों के पास छोटे व्यवसाय, दुकानें, निजी कंपनियों में कार्य करने वाले ज्यादातर लोग हैं। इस लाॅकडाउन के चलते कमाई का स्रोत बंद है । शुरुआती दौर में तो उन्हें परेशानी नहीं हुई ।लेकिन लंबे समय तक लाॅकडाउन से इन परिवारों की कमर तोड़ कर रख दी है। हालात यह है कि उन्हें सरकार से भी कोई मदद नहीं मिल रही है ।स्वयंसेवी संगठन, ना हि समाजसेवी भी उन्हें मदद नहीं करेंगे ।खुद से मदद के लिए मुंह भी लोक लाज से नहीं खोल रहे हैं ऐसे में उनके सामने मुश्किलें बढ़ती जा रही है। ऐसे में इस घडी में सरकार से अनुरोध है कि मध्यवर्गीय परिवारों को भी ध्यान रखते हुए इस महामारी में इन परिवारों को भी सहयोग करें। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा जगन्नाथ दास की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma