असहायों के बीच भोजन वितरण पर लगी रोक हटाने को जिलाधिकारी को माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने भेजा स्मार- पत्र
अगर किसी की भोजन के अभाव में मौत होती हैं तो इसकी जबाबदेही किस कर्मी की होगी...?
समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 05 अप्रैल, 20 ) । भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सह आइसा- इनौस के जिला प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने रविवार को जिलाधिकारी शशांक शुभंकर को स्मार- पत्र भेजकर इसमें वर्णित मांग को तत्काल जनहित में पूरा करने की मांग की है । माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी को कहा है कि कोरोना महामारी से बचाने के लिए सरकार द्वारा घोषित/जारी लॉकडाउन के कारण दलित- गरीब- दिहाड़ी मजदूर, असहाय लोगों के बीच भोजन का संकट उत्पन्न हो गया है. कुछ एनजीओ,संगठन, व्यक्ति एवं राजनीतिक दलों द्वारा उनके बीच भोजन, खाद्य पदार्थ,मास्क, सैनिटाईजर, साबुन आदि सोशल डिस्टेंसिंग,सुरक्षा मानक अपनाकर बांटा जा रहा था पर श्रीमान द्वारा इसपर रोक लगाने का आदेश दिया गया है जो समयानुसार उचित नहीं है । क्या समस्तीपुर प्रशासन जिले के 381 पंचायतों व नगर परिषद और नगर पंचायत में रहने वाले वंचित समुदायों के स्वास्थ्य व भोजन की जरूरत को इस विषम परिस्थिति में पूरा कर पायेगी..? जब प्रशासन डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, प्रशासनिक पदाधिकारियों व कर्मचारियों को न्यूनतम बचाव की सामग्रियों की व्यवस्था नहीं कर पा रही है, तो इतनी बड़ी आबादी को मास्क, सेनिटाइजर, हैंडवाश, साबुन व भोजन समेत अन्य जरूरत की चीजें बिना अन्य संगठनों, दलों या व्यक्तियों के उपलब्ध कराना कठिन नहीं होगा..? अगर किसी की भोजन के अभाव में मौत होती हैं तो इसकी जबाबदेही किस कर्मी की होगी...? अत: इस आदेश को वापस लेकर एनजीओ, समाजसेवियों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं आदि को पास जारी कर भोजन समेत तमाम जरूर संशाेधन जरूरतमंदों तक पूर्व की भांति वितरण का आदेश दिया जाए साथ ही सरकार द्वारा वितरित सामग्रियों को लोगों तक पहुंच तथा उसकी गुणवत्ता का पत्रकारों, राजनीतिक- सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिलाकर निगरानी समिति गठन कर समाजिक अंकेक्षण करते रहने का आदेश भी दिया जाए । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma