अपराध के खबरें

कोरोना फैलाव का खतरनाक साधन ऐंबुलेंस मटरगस्ती का स्रोत बनकर रह गया : सुरेंद्र कुमार सिंह


अधिक वसूली कर बेरोकटोक यात्रियों को पहुंचाता गंतव्य तक

30 हजार में दिल्ली, 7-8 हजार रू० में पटना आना-जाना- एक ऐंबुलेंस चालक

 लॉकडाउन अवधी में 6-7 लाख रूपये कमा चुके ऐंबुलेंस मालिक

राजेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट 

समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज 28 अप्रैल,20 ) । एक गुप्त पड़ताल के अनुसार लाकडाउन के अवधी में यहाँ से वहाँ आने-जाने का सबसे गुप्त एवं महंगा साधन ऐंबुलेंस बना हुआ है. लॉकडाउन के अवधी में प्लेन, ट्रेन, बस, कार आदि तमाम वाहन बंद कर दिए गए हैं पर बीमार व्यक्ति को लाने- ले जाने के नाम पर जानकार लोग एक जगह से दूसरे जगह अपने एवं अपने परिजन को बीमारी की आड़ में ऐंबुलेंस का जमकर इस्तेमाल करते हैं. यहाँ तक कि महंगा एवं जरुरी सामान भी ऐंबुलेंस के द्वारा लाए एवं पहुंचाये जाते हैं. किराया के नाम पर जैसा काम वैसा किराया जरूरतमंदों से वसूल किया जाता है. दिल्ली में फंसे हुए एक छात्र को 30 हजार रू० में समस्तीपुर से उसके पिता को साथ ले जाकर बेरोकटोक ऐंबुलेंस चालक आ जाता है. शहर के सत्ताधारी दल से जुड़े दिल्ली में फंसे एक व्यक्ति को दिल्ली से पटना एवं पटना से समस्तीपुर 24 हजार रू० में ऐंबुलेंस चालक सुरक्षित ले आता है. प्रशासन को कानों- कान इसकी खबर नहीं होती है और दोनों व्यक्ति क्वारंटीन भी नहीं होते हैं जबकी जिले की सीमा सील बताया जा रहा है. ऐसे मामले हजारों में हैं. दरभंगा, पटना, मुजफ्फरपुर, बेगुसराय आदि जिले में बीमारी की आड़ में जरूरी पारिवारिक काम में ऐंबुलेंस का ईस्तेमाल किया जाता है. यहाँ तक कि महंगा सामान ईधर से उधर ऐंबुलेंस द्वारा अधिक पैसा देकर आसानी से किये जाने की जानकारी मिल रही है. नाम गुप्त रखने की शर्त पर मोहनपुर रोड के एक एंबुलेंस चालक बताता है कि लॉकडाउन अवधी में 6-7 लाख रूपये से अधिक कमाकर वह अपने मालिक को दे चुका है. काशीपुर के एक ऐंबुलेंस मालिक ये पता लगा रहे हैं कि कोई कंपनी यदि ऐंबुलेंस सप्लाई दें तो वे नगद 4-5 ऐंबुलेंस तत्काल खरीदेंगे. यहाँ तक कि अवैध सामग्री के साथ- साथ क्राईम के बाद पुलिस को चकमा देकर भागने में भी अपराधी ऐंबुलेंस का ईस्तेमाल करते हैं.
 विदित हो कि इमरजेंसी सेवा में ईस्तेमाल होने के कारण पुलिस अधिकारी भी ऐंबुलेंस को रोककर चेक करने का जहमत नहीं उठाते. लोग चालाकी से कुछ चिकित्सक से भी बीमारी का पूर्जा पर रेफर लिखवाकर दूसरे कार्यों में ऐंबुलेंस का ईस्तेमाल करते हैं. अब जबकी समस्तीपुर के सीमावर्ती करीब सभी जिलों में कोरोना पाजीटिव मरीज पाये जा चुके हैं, वैसी स्थिति में ऐंबुलेंस का निर्बाध आवागमन समस्तीपुर को भी कोरोना पाजीटिव जिला की श्रेणी में ला सकता है.
 इसे लेकर भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जिलाधिकारी से ऐंबुलेंस का दुरूपयोग किये जाने की गहन जांच करने, दोषियों पर कारबाई करने, लाए गए लोगों को क्वारंटीन करने एवं ऐंबुलेंस का दुरूपयोग पूरी तरह रोकने की मांग की है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live