अपराध के खबरें

मुफ्फसील थानाध्यक्ष अपराधियों और शराब माफियाओं से सांठ गांठ कर जिले में खुलेआम शराबबंदी के बावजूद करवा रहें शराब की अवैध बिक्री



थानाध्यक्ष मुफस्सिल के सर पर विधानसभा अध्यक्ष का हांथ होने बात हो रही है उजागर 


 जयशंकर प्र० सिंह वरिष्ठ सम्पादक

समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 25 अप्रैल,20 ) । समस्तीपुर जिला के समस्तीपुर मुफ्फसील थानाध्यक्ष अपराधियों और शराब माफियाओं से सांठ गांठ कर जिले में खुलेआम शराबबंदी के बावजूद करवा रहें शराब की बिक्री ।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार बताया जाता है की समस्तीपुर शहर में दो थाना है एक आर्दश नगर थाना और एक मुफ्फसील थाना दोनों थाना का मुख्यालय है समस्तीपुर । शहर के नगर परिषद और थानेश्वर स्थान मंदिर के बीच अवस्थित है। वहीं पर जिला परिषद अध्यक्ष का आवास के साथ ही वही पर समस्तीपुर जिलाधिकारी महोदय् का आवास है । इसी के सामने समस्तीपुर सदर अनुमंडल पदाधिकारी का कार्यालय है, वही पर समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय,कचहरी है । इसके साथ ही वहीं पर समस्तीपुर सरकारी बस स्टैण्ड है।नगर थाना का क्षेत्रफल बहुत छोटा है । शहर का आधा हिस्सा ही नगर थाना में आता है। लेकिन समस्तीपुर मुफ्फसील थाना का क्षेत्रफल बहुत बड़ा है । समस्तीपुर शहर का आधा हिस्सा और समस्तीपुर प्रखंड का पुरा हिस्सा यानी सभी पंचायत समस्तीपुर मुफ्फसील थाना में आता है । बताया जा रहा है की इस थाना क्षेत्र में लगातार शराब आता है और उतरता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रति ट्रक दो लाख रुपया की वसूली समस्तीपुर मुफ्फसील थाना अध्यक्ष करते है।प्रति दिन इस थाना क्षेत्र में दस ट्रक शराब आता है और सभी शराब माफिया से थाना अध्यक्ष की सांठ गांठ है। इसमें शहर के ही कुछ नामचीन पत्रकार भी शामिल है जो थानाध्यक्ष से मिलकर इसका निदान करते रहते है । अवैधानिक शराब समस्तीपुर शहर में भी बिकता है। बताया जाता है कभी कभी बड़े पदाधिकारी के आदेश पर कुछ शराब बरामद किया जाता है। उसको भी थाना अध्यक्ष शराब कारोबारी के हाथ बेच दिया करते है। इतना ही नहीं समस्तीपुर शहर के आस - पास बाहरी अपराधियों का रैनबसेरा भी है और यह सब मुफ्फसील थाना क्षेत्र में पड़ने वाले शहर के सटे हुए जगह पर किराया का मकान लेकर रहते है और समस्तीपुर जिला में अपराधिक घटनाए का अंजाम दिया करते है और घटना के बाद मुफ्फसील थाना क्षेत्र के किराया के मकान में छिप जाते है।इन अपराधियों से मोटी रकम थाना अध्यक्ष को प्राप्त होता है और इसके एवज में थाना अध्यक्ष इनको संरक्षण दिया करते है। जैसा की सूत्र बता रहे है । इतना ही नहीं इनके क्षेत्र में खुब चोरी हो रहा है। लेकिन चोरी की घटना की जानकारी मिलने के बाद भी थाना अध्यक्ष चोरी की घटना को गम्भीरता से नहीं लेते है न ही चोरी की घटना का केश अपने थाना में दर्ज करते है। बताया जाता है की हर चोर से इनका गहरा सम्बन्ध है। हर चोरी के पीछे इनका हाथ है। हर चोर से इनको संरक्षण के रुप में मोटी रकम महीनबारी प्राप्त होता है। बताया जा रहा है की निष्पक्ष होकर इनकी सम्पति की जांच किया जाये तो इनकी सम्पति करोड़ों में मिलेगा । वहीं विश्वत सूत्रों का ऐ भी कहना है इनपर माननीय विधानसभा अध्यक्ष का हाथ हैं । इसलिए  जिला के पुलिस अधीक्षक भी इनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई करने से बचते है ।  समस्तीपुर के कुछ बुद्धिजीवी लोगों का कहना है की जब से यह थाना अध्यक्ष समस्तीपुर मुफ्फसिल के पद पर स्थापना हुआ है तब से शहर के आस पास चोरी, लूट की संख्या में बढ़ोतरी ही हो रही है। अगर किसी भी कांड की जानकारी लिखत में थाना अध्यक्ष को दिया जाता है तो  थानाध्यक्ष उस आवदेन पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं करते है । आवेदन पत्र को रद्दी के टोकरी में फेंक दिया जाता है जो एक गम्भीर मामला है। जिले के पुलिस प्रशासन को डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय का सख्त आदेश जारी है पर उनके भी आदेश की अवहेलना करते हुऐ अपराधियों के साथ साथ शराब माफियाओं के साथ सांठगांठ जारी है । उपरोक्त वक्तव्य आलेख सनज्योति के समाचार सम्पादक जयशंकर प्रसाद द्वारा प्रकाशन हेतू प्रेषित किया गया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । 
Published by Rajesh kumar verma

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live