अपराध के खबरें

समस्तीपुर जिले के प्रखंड के क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटर का सच कागजों में कुछ और जमीन पर कुछ और..???


आलाधिकारी मीडिया को सूची देने में कर रहे आनाकानी 

चल रहा है कागजी खेल क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटर में जांच के नाम पर

रिसर्च एण्टीकरप्सन एण्ड क्राईम ब्यूरो ने मांगी सीबीआई से जांच की मांग

 विधि संवाददाता रविशंकर चौधरी, अधिवक्ता

 समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 16 अप्रैल,20 ) ।
समस्तीपुर जिले में चल रहा है क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटर में जांच के नाम पर कागजी खेलों का आंकड़ा । जिला सिविल सर्जन डॉ० सियाराम मिश्र से लेकर डीसीएलआर उमेश कुमार भारती, एसीएमओ रतिरमन झा, आपदा के विनय कुमार ने सूची देने में पत्रकारों से कि बहानेबाजी । रिसर्च एण्टीकरप्सन एण्ड क्राईम ब्यूरो के डिविजनल वाईस प्रेसीडेंट राजेश कुमार वर्मा के साथ विधि संवाददाता रविशंकर चौधरी अधिवक्ता ने जब इस क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटर के कागजी खेल की धरातलीय जांच की तो कुछ अलग ही नजर आ रहा है । उक्त दोनों ब्यूरो सदस्य ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि समस्तीपुर जिले के सबसे ज्यादा पंचायत वाला प्रखंड कल्याणपुर प्रखंड के विभिन्न गांवों में संचालित क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटर की सच्चाई को जानने के लिए कल्याणपुर प्रखंड के 31 क्वारेंटाईन सेंटर का सच जानने के लिए सभी क्वारेंटाईन सेंटर का बारी बारी से खबर ली तब पता चला कि सेंटर तो 31 है । लेकिन 03 या 04 सेंटर में ही आदमी मौजूद है । सबसे पहला सेंटर +02 सुंदर उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुक्तापुर में स्थित हैं जो बंद पाया गया । इसके एच० एम० राघेश झा से दूरभाष से पुछे जाने पर बताया गया की हमारे क्वारेंटाईन सेंटर में अभी तक एक भी आदमी नहीं आया है । जिस कारण से ताला लगा हुआ है । वहीं दूसरे क्वारेंटाईन सेंटर लदौरा मध्य विद्यालय में है । वो भी बंद पाया गया । इसके एचएम लखविंदर पासवान से दूरभाष पर बंद के बारे में पुछे जाने पर बताया गया की क्वारेंटाईन सेंटर पर कोई आदमी नहीं आया जिसके कारण ताला लगा हुआ है..? वहीं तीसरी क्वारेंटाईन सेंटर उत्क्रमित मध्य विद्यालय चकमेहसी का जब हाल लिया गया तो वो भी बंद पाया गया । जब इसके एच० एम० संगीता कुमारी से बंद रहने का कारण पुछा गया तो वे बताई कि मैं 31 मार्च, 20 को ही रिटायर्ड हो गई हूं । और वे नये प्रभारी एच० एम० संगीता कुमारी की नं० दिया गया । जब उनसे पुछताछ की गई तो उन्होंने बताया की हमारे सेंटर में कोई आदमी नहीं आया है और ताला लगा हुआ है । वहीं कल्याणपुर पीएचसी के सूत्रों के हवाले से पता चला कि कुल चार क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटर में 37 संदिग्धों को क्वारेंटाईन किया गया जिसमें से 32 को होम क्वारेंटाईन के लिए छोड़ दिया गया । वहीं चकमेहसी के क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटर में 04 संदिग्ध लोगों को क्वारेंटाईन किया गया है इसके साथ ही मालीनगर में एक व्यक्ति को क्वारेंटाईन किया गया है जिसकी देख रेख किया जा रहा है। लेकिन वास्तविकता सामने में नजर आती हैं । जब क्वारेंटाईन सेंटर ही बंद है तो क्वारेंटाईन किसे किया गया है..?? ऐही पर आकर मामला और संदिग्ध प्रतीत दिख रहा है । वहीं जब चौथे क्वारेंटाईन सेंटर नामापुर पंचायत के मध्य विद्यालय नामापुर की सच्चाई देखने पहुंचे तो उक्त सेंटर भी बंद पाया गया । वहीं इसके एएनएम शोभा कुमारी विगत् छ:ह माह से अपने कर्तव्य से लापता बताया गया । जब सेंटर बंद रहने की जानकारी एच० एम० नवीन कुमार से दूरभाष से पुछा तो उन्होंने बताया गया की हमारे पास 05 - 06 आदमी का फोन आया था जिसे मेरे द्वारा अपने सेंटर पर गद्दा और तकिया लेकर बुला गया परंतु कोई आया ही नहीं अभी ताला बंद है..? ताज्जुब की बात यह है की इन्होंने मेडिकल टीम को भी नहीं खबर किया और सीधे उनलोगों को तकिया,बिछावन लेकर बुलाया गया । कौन थे और कहां के थे पता नहीं..??। इसके बाद जब इस बात की विस्तृत जानकारी लेने हेतू ब्यूरो सदस्य कल्याणपुर पीएचसी प्रभारी बी०के० ठाकुर से जब सेंटरों में क्वारेंटाईन किए गए आदमियों की सूची मांगी गई तो बताया गया कि सारे जिले की सूची हमारे सिविल सर्जन समस्तीपुर के पास है फिर हमने सिविल सर्जन समस्तीपुर के दूरभाष सं० 9470003701 सरकारी पर फोन किया तो फोन सिविल सर्जन साहब उठाए परंतु दूसरा नंबर लिखा दिया वह नंबर 94700003702 एसीएमओ आर० आर० झा का था । जब इनसे सूची की मांग की गई तो उन्होंने कहां की डीसीएलआर या आपदा विभाग के पदाधिकारी विनय कुमार भूमि सुधार अपर समाहर्ता से ले सकतें है । जब आपदा व डीसीएलआर कार्यालय में पहुंच कर सूची की मांग की गई तो बताया गया की अनुमंडलाधिकारी के गोपनीय प्रशाखा से मिलेगा । ताजुब्ब जताते है की सिविल सर्जन साहव को भी मालूम नहीं है की जिले में कितने क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटर चलंत अवस्था में है । इनके द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारी से जानकारी लेने की बात कहीं गई । जो अधिकारी सिविल सर्जन के पद पर 30 अप्रैल,20 के बाद योगदान करेंगे । और वर्तमान सिविल सर्जन रिटायर हो जाएंगे । वहीं जब स्वास्थ्य अधिकारी रति रमन झा से जानकारी दूरभाष पर प्राप्त करने की कोशिश किया गया तो उन्होंने डीसीएलआर साहब से जानकारी प्राप्त करने की बात कही । वहीं जब आज वृहस्पतिवार की दोपहर में डीसीएलआर के पास गए तो पता चला कि क्षेत्र में निकले हुए हैं तब अनुमंडल अधिकारी एसडीओ समस्तीपुर के पास जानकारी हेतू पहुंचे तो उनके आदेशपाल द्वारा बताया गया कि साहब अभी बिजी है एक घंटे बाद मिल सकते है । बताया जाता है की क्वारेंटाईन किऐ गए कोरोना संदिग्धों की सूची के लिए इन सभी नामित पदाधिकारियों के पास विगत् दो दिन से चक्कर लगाया गया लेकिन किन्हीं अधिकारियों ने सूची उपल्वध कराने का कष्ट करना भी गंवारा नहीं समझे । विदित हो कि कोरोना महामारी में सरकारी आंकड़ों का खेल कागज पर कुछ और जमीन पर कुछ और नजर आ रही है । बिहार सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मी सुधरने को तैयार नहीं और जो जहां पर स्थापित हुआ वही मालामाल हो रहे हैं । क्वारेंटाईन सेंटर की सूची नहीं देने के पीछे बहुत बड़ा रहस्य रिसर्च एण्टीकरप्सन एण्ड क्राईम इंवेस्टिगेशन ब्यूरो के मीडिया सदस्य को नजर आ रही है । वहीं पूरे समस्तीपुर जिले की क्वारेंटाईन आईसोलेशन सेंटरों की जांच सीबीआई से होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके । 
सेंटरों में ताला लटका है और कागजों पर आदमी दर्शाया जा रहा यह कहां तक न्यायोचित है ..विभागीय अधिकारी की कार्यशैली संदिग्धता से परिपूर्ण नजर आ रहा है । वहीं कल्याणपुर प्रखंड के नामापपुर पंचायत के पूर्व मुखिया अर्पणा देवी ने कहा की हमारे पंचायत में किसी प्रकार की सहायता या विकास कार्यों का काम नहीं हो रहा है । वर्षों से हर घर जल नल योजना का कार्य शुरू है लेकिन पुरा नहीं किया गया है । सिर्फ पाईप और क्नेक्शन देकर छोड़ दिया गया जिससे कारण वार्ड नं० 09 के निवासी अन्य वार्ड से पानी भरने पर मजबूर हैं । वहीं लदौरा पंचायत के मुखिया अनामिका देवी से कोरोना वायरस को लेकर पंचायत में सुरक्षात्मक दृष्टिकोण क्या अपनाया गया है पुछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारे पास सरकार ने किसी प्रकार की राशि इस कार्य में खर्च करने को नहीं दिया है । पंचम वित्त आयोग की अनुदान राशि को इस मध्य में सिर्फ आईसोलेशन सेंटर पर ही खर्च किया जाएगा ऐसा आदेश जारी किया गया है। उन्होंने आगे बताया की जनता को दिग्भ्रमित सरकार द्वारा किया जा रहा है कि पंचायत के मुखिया को पंचम वित्त आयोग की अनुदान राशि से प्राप्त राशि से पंचायत वासियों की सहायता किया जाएगा जबकि अभी तक अनुदान राशि मिला ही नहीं है । मिलने की संभावना अप्रैल के अंत तक है । प्रखंड के विभिन्न पंचायत के परिभ्रमण कर जब इस बात की मुखिया से जानकारी प्राप्त किया गया तो लगभग सभी पंचायतों के मुखिया या ग्रामीणों की बात एक ही है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा विधि संवाददाता रविशंकर चौधरी की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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