आदि गुरू शंकराचार्य की जयंती के मौके पर जुटे अनुयायी
मिथिला हिन्दी न्यूज टीम
विद्यापतिनगर/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 28 अप्रैल,20 )। भक्त व भगवान की नगरी विद्यापतिधाम मंदिर परिसर में मंगलवार को आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती मनायी गयी। लॉकडाउन को देखते हुये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुऐ जयंती मनायी गयी। इस दौरान शंकराचार्य की पूजा-अर्चना के बाद उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया। साथ ही विश्व भर में फैली कोरोना महामारी से शांति के लिए गोस्वामी समाज के लोगों द्वारा प्रार्थना की गयी। आदि गुरू शकराचार्य की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोस्वामी समाज के प्रदेश प्रवक्ता रत्न शंकर भारद्वाज"गोस्वामी"ने कहा कि पूज्य श्री आदि गुरु शंकराचार्य जी के विषय में कुछ भी कहना समुन्द्र के सामने एक नन्हीं सी बूंद के समान है | उनकी महानता को कहने के लिए कलम शब्द भी तुच्छ पड़ जायेंगे | वे अलौकिक प्रतिभा , चरित्रबल , तत्वज्ञान और लोक कल्याण के लिए छोटी से उम्र में देश के प्रति समर्पण करने वाले महाज्ञानी थे। शंकराचार्य ने पूरे भारत की यात्रा करते हुए देश में हिंदू धर्म का प्रचार किया। उन्होंने चारों दिशाओं में चार पीठों की स्थापना कर भारत को हिंदू दर्शन, धर्म और संस्कृति की अविरल सनातन धारा में पिरो दिया। आज भारत के चार दिशाओ में चार धाम जो है यह इन्हीं के द्वारा बताये गये है । उन्होंने आज जिस हिंदू धर्म का स्वरूप हमें दिखाई देता है वह शंकराचार्य का ही बनाया हुआ है। साथ ही पालघर महाराष्ट्र में निर्मम हत्या पर सनातन धर्म के प्रचारक कल्पवृक्ष गिरि महाराज व सुशील गिरि महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।मौके पर सतीश कुमार गिरि, रत्न शंकर भारद्वाज गोस्वामी, नन्हें गिरि, शुभम कुमार गिरि, लालबाबू गिरि, गोपाल गिरि, बिट्टू कुमार गिरि जैसे अनुयायी उपस्थित रहे। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा पदमाकर लाला की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma