समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 14 अप्रैल,20 ) ।जुड़ शीतल का पर्व मिथिला का पावन पर्व माना जाता है, जहां मां अपने पुत्रपाप को शीतल जल देकर आरोग्य व शीतलता का आशीर्वाद देती है, वही आज एक मां ने पेड़ पौधों के जड़ों में शीतल जल डालकर पेड़ पौधों को शीतलता का आशीर्वाद दिया, कुमोधनी देवी कहती है ,कि पेड़ पौधे पुत्र समान है एक पेड़ सौ पुत्रों के समान है इनकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है वैसे भी सतुआनी व जुड़ शीतल का लगाव किसान खेती व प्रकृति से है, पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ पौधों को खींचना धार्मिक दृष्टिकोण से पुण्य माना गया है, हम सभी प्रकृति के आंचल में पले बड़े हैं प्रकृति के ऋणी है , मालूम हो कि जुड़ शीतल मनाने के लिए कुलदेवता के निकट पीतल के बर्तन में जल रख ,बासी होने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिसे कल सुबह घर के बच्चे व बुजुर्गों के सिर पर वक्त बांसी जल डालती है, तन मन एवं मस्तिष्क में शीतलता व आरोग्य प्राप्ति का आशीर्वाद देती है महिलाएं। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अमरदीप नारायण प्रसाद की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma