• सारण में दूसरे देशों से आएं है 766 लोग
• घर घर जाकर कोरोना से बचाव की दे रहें जानकारी
•14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह
छपरा/सारण,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 01 अप्रैल,20)। एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई अहम फैसले लिए जा रहें है। स्वास्थ्य विभाग के साथ डिवेलपमेंट पार्टनर भी पूरा सहयोग कर रहें है। सारण में दूसरे देशों से आये लोगों की ट्रैकिंग की जिम्मेदारी केयर इंडिया, डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ की टीम को दी गयी। दूसरे देशों या राज्यों से अपने गांव आए व्यक्तियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। केयर इंडिया के बीएम, यूनिसेफ के बीएमसी तथा डब्ल्यूएचओ के एफ़एम प्रखंड स्तर पर इस अभियान में सहयोग कर रहें है। विदेश से यात्रियों से पूरा जनकरी एकत्रित किया जा रहा है। यात्रियों किस देश से आएं है? कब आएं? किसी तरह का लक्षण है या नहीं? एयरपोर्ट पर जांच किया गया या नहीं? इन सभी जानकारियों को एकत्रित किया जा रहा है। विदेश से आये यात्रियों की ट्रैकिंग पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
विदेश से आएं है 766 लोग:
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि सारण जिले में दूसरे देशों से कुल 766 लोग आएं है। जिनका ट्रैकिंग तीनों संस्था के सहयोग से किया जा रहा है। दूसरे देशों से आये यात्रियों का प्रखंडवार डिटेल्स संबधित टीम को भेजा गया है। जिसके आधार पर घर घर जाकर ट्रैकिंग किया जा रहा है।
14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह:
विदेश से आये प्रत्येक यात्रियों 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ हीं कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। विदेश से आये यात्रियों व उनके परिवार के सदस्यों को कोविड-19 के लक्षण के संबंध में जागरूक किया जा रहा।
गूगल शीट में अपडेट किया जा रहा ट्रैकिंग रिपोर्ट:
दूसरे देशों या अन्य राज्यों से गांव आए व्यक्तियों का डेटाबेस गूगल सीट में तैयार किया जा रहा है। प्रत्येक दिन गूगल सीट को अपडेट किया जा रहा है। इस अभियान के सुगमता को बनाए रखने के लिए तीनों संस्थाओं के बीच प्रखंड का बंटवारा किया गया है। प्रतिदिन संध्या 6:00 बजे डेवलपमेंट पार्टनर द्वारा तैयार किए गए डेटाबेस की अद्यतन स्थिति से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराया जा रहा है।
क्वारेंटाइन होम किनके लिए जरूरी है:
ऐसे लोग, जो कोरोना संक्रमित देश, प्रदेश अथवा शहर से आए हैं। यह लोग भले ही स्वस्थ हों, लेकिन कोरोना वायरस के कैरियर अथवा मरीज हो सकते है। इन्हें नजदीकी अस्पताल में जांच करानी चाहिए। इसका वायरस 14 दिन तक ग्रो कर सकता है, इसलिए इन लोगों को घर में एकआइसोलेट होने की जरूरत है। अगर संबंधित व्यक्ति के पास घर में आइसोलेशन के लिए स्थान नहीं है। वह क्वारेंटाइन सेंटर में रह सकता है।
होम आइसोलेट होने पर क्या करें:
• 14 दिन की अवधि उसी कमरे में बिताना है।
• परिवार के लोग यदि मिलना चाहें तो दो मीटर की दूरी से मिलें।
• क्वारेंटाइन पेशेंट मास्क या रुमाल मुंह पर लगाएं।
• हाथों को बार-बार साबुन पानी से धोते रहें।
• खुद में कोरोना के लक्षणों को देखें, कहीं कोई लक्षण डेवलप तो नहीं हो रहा। अगर गले में खराश हो, सर्दी-खांसी हो, बुखार जैसा लगे तो तत्काल अस्पताल में जांच कराने जाएं।
• होम आइसोलेशन अथवा क्वारेंटाइन में रखने का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यक्ति कोरोना का पॉजिटिव अथवा संदिग्ध मरीज है। इसलिए घबराएं नहीं। बेझिझक बताएं कि मैं क्वारेंटाइन पीरियड में हूं। मुझसे आप दूर रहें।
परिवार व आस- पड़ोस के लोग क्या करें:
• जिस व्यक्ति को क्वारेंटाइन में रखा गया है। उसके प्रति दुर्भावना न रखें। वह हमारी बेहतरी के लिए है।
• जिस व्यक्ति के घर के बाहर होम क्वारेंटाइन का बोर्ड लगा हो, उसका फोटो खींचकर, सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें। क्योंकि संबंधित मकान में रहने वाला व्यक्ति केवल निगरानी में है। वह बीमार नहीं है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा राजीव रंजन कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh Kumar verma