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बिहार राज्य का एकलौता सदर अस्पताल समस्तीपुर जहां मीडिया कर्मियों की इंट्री पर लगाई गई रोक...?


लॉकडाउन के नियम सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन की धज्जियाँ खुद उड़ाते है सिविल सर्जन के साथ अधीनस्थ डाक्टर - कर्मचारी

सदर अस्पताल की कमियां उजागर होने से बौखलाए सिविल सर्जन

 कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर अपनी कमियों को छुपाने का प्रयास कर रहा स्वास्थ्य विभाग ..??

गार्ड को निर्देशित मीडिया कर्मी को किसी भी सूरत में ना आने दे अस्पताल परिषद के अंदर
समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 22 अप्रैल,20 ) । समस्तीपुर जिला प्रशासन एवं स्थानीय स्वास्थ्य महकमा को अपने कर्मियों के साथ ही आम लोगों व कोरोना संदिग्ध से ज्यादा मीडिया कर्मियों की फिक्र सता रही है । जिले के मीडिया कर्मी को संक्रमण से बचाने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं । जिस कारण समस्तीपुर सदर अस्पताल बिहार राज्य का पहला ऐसा अस्पताल बन गया है जहां मीडिया कर्मियों की इंट्री पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई हुई है । इसको लेकर बजाप्ता मेन गेट पर सशस्त्र बलों की तैनाती कर दी गई है । वहीं गार्ड को निर्देश दिया गया है कि किसी भी सूरत में अस्पताल परिषर मीडिया कर्मियों को प्रवेश नहीं करने देने का है । इस बात को जानकर काफी आश्चर्य भी हो रहा होगा और मन में इसके पीछे के कारणों को जानने की उत्सुकता भी हो रही होगी की आखिर में ऐसा आदेश जारी क्यों किया गया। जिसे हम दूर किए देते हैं मीडिया के प्रति इस उदारता के पीछे स्वास्थ्य विभाग की अपना स्वार्थ छिपा है । जानकारों के अनुसार मीडिया स्वास्थ्य विभाग या यू कहे सदर अस्पताल में व्यापक व्यवस्था को दुरुस्त करवाने के लिए उसे आम जनता एवं वरीय अधिकारियों के समक्ष लाने हेतू प्रयास करते है । जिस कारण अक्सर अस्पताल प्रशासन की किरकिरी होती रहती है ।लॉकडाउन के नियम सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन की धज्जियाँ खुद उड़ाते है सिविल सर्जन के साथ ही अधीनस्थ डाक्टर - कर्मचारी जिसका ताजा मिशाल है उक्त तस्वीर ।
 बताया जाता है कि अपनी कमियों को छुपाने एवं वरीय अधिकारियों से होने वाली फजीहत को कम करने के उद्देश्य से अस्पताल प्रशासन ने कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी है । इस संबंध में प्रमंडलीय आयुक्त मयंक बरबरे से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया । वहीं इनके पास व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा गया । परंतु उसका भी जवाब नहीं मिला । वहीं सदर अस्पताल के सूचना पट्ट से जानकारी के अनुसार 01 घंटे के लिए सिविल सर्जन समस्तीपुर से मिलने की पत्रकारों को दी गई है सीधा संवाद से छूट । वहीं जिला प्रशासन एवं शिविर सर्जन की पहल पर 24 घंटे में मात्र 01 घंटे दोपहर बाद 3:00 से 4:00 बजे तक ही सीएस से मिलने की छूट दी गई है । किसी खबर से संबंधित जानकारी लेने के लिए मीडिया कर्मियों को सीएसके सरकारी मोबाइल पर संपर्क कर निर्धारित समय में सदर अस्पताल के पीछे के गेट से मात्र सिविल सर्जन ऑफिस में ही प्रवेश करने की छूट दी गई है । कहीं मीडिया से कटे रहने का कारण सदर अस्पताल परिषर में रह रहे कर्मियों के दर्जनों परिवार ।
पोषण पुनर्वास केंद्र में रह रहे बच्चे एवं उनकी माताओं के द्वारा सरकारी आवास का अवैधानिक अतिक्रमण तो नहीं ...?? वहीं 
इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीज एवं उनके परिजन की परेशानी की आवाज को बंद करने...या बिना सुरक्षा व्यवस्था की कोरोना संक्रमण के लिए काम कर रहे डॉक्टर व कर्मी की हो रही परेशानी को नजरअंदाज करने...या
प्रसव के लिए पहुंचने वाली महिलाएं परिजन व आशाओं की कठिनाई को छुपाने... या दवा काउंटर के कर्मी डाटा ऑपरेटर एवं एंबुलेंस कर्मी, इमरजेंसी एवं आइसोलेशन वार्ड से गायब डॉक्टर कर्मी की खबर प्रसव के लिए पहुंची महिला को बेवजह रेफर किए जाने की खबर कोरोना के डर से सब को हाथ नहीं लगाने की खबर पैसा नहीं मिलने पर रात भर सबको बंधक रखने की खबर, ओपीडी में कई - कई घंटे विलंब से डॉक्टर व कर्मी के पहुंचने की खबर या मरीजों के परिवार द्वारा हंगामा करने की खबर, प्रसव के लिए पहुंची महिला की कर्मियों की लापरवाही से मौत की खबर, संसाधन विहीन स्वास्थ्य व्यवस्था की खबर ...क्या इन तथ्यों पर पर्दा डालने की हो रही है कोशिश..? ऐ एक सोचनीय और जांचे जाने वाली खबर है। सदर अस्पताल प्रशासन ने मेन गेट पर सशस्त्र गार्ड की तैनाती भी कर दी है जिन्हें आदेश है कि सदर अस्पताल परिषद में कोई भी अनाधिकृत रूप से प्रवेश नहीं करना चाहिए डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी आई कार्ड दिखाकर प्रवेश करेंगे । जांच गर्भवती महिलाएं एवं इमरजेंसी के मरीजों को मात्र 1 सहायक के साथ ही प्रवेश करने दिया जाएगा खासकर मीडिया कर्मियों को लेकर गार्ड को विशेष रूप से आदेश दिया गया है गेट पर तैनात गार्ड की मानें तो उन्हें किसी भी परिस्थिति में मीडिया से जुड़े लोगों को अस्पताल परिषद में प्रवेश नहीं करने देने का आदेश दिया गया है । वहीं अस्पताल की कुव्यवस्था उजागर होने से बौखलाए समस्तीपुर के सिविल सर्जन सीताराम मिश्रा ने आनन फानन में अस्पताल परिसर में मीडिया कर्मियों के आवागमन पर लगाई रोक ।
 वहीं सूत्रों की माने तो सदर अस्पताल में आपको व्यवस्था एवं गड़बड़ी को लेकर आऐ दिन समाचार पत्रों में प्रतिदिन कुव्यवस्था से संवंधित समाचार प्रकाशित हो रही खबरों पर सदर अस्पताल प्रशासन बौखला गया है । इसी बौखलाहट का असर है कि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने संक्रमण का हवाला देते हुए जिला प्रशासन के नाम पर एक आर्डर जारी कर दिया है । सदर अस्पताल के मेन गेट पर आम लोगों के साथ-साथ मीडिया कर्मियों के अस्पताल परिसर में प्रवेश पर रोक से संबंधित नोटिस चिपका दिया मीडिया कर्मियों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की लेकिन उनके आदेशों के अनुरूप नोटिस में संशोधन नहीं किया गया । ज्ञात हो कि माह के वर्तमान 30 तारीख को सिविल सर्जन सीताराम मिश्रा रिटायर हो रहे हैं । जिसके कारण ऐ अपनी खामियां उजागर ना हो सके इसलिए आनेवाले नव सिविल सर्जन जो वर्तमान में एसीएमओ के पद पर कार्यरत है से मिलकर मीडिया कर्मियों के अस्पताल परिसर में आने पर रोक लगाने की चेष्टा की गई हैं। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा रविशंकर चौधरी, अधिवक्ता की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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