आज की तारीख में शशि का यह अभियान आंदोलन बनता नजर आ रहा है उनके संस्थान में सफलता की शत प्रतिशत गारंटी दी जाती है साथ ही साथ छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक से भी पढ़ाया जाता है
गणित पढ़ाने की कला के कारण छात्रों की भीड़ खिंची चली आती गणित के जादूगर के रूप में प्रसिद्ध शशि शरण की प्रसिद्धि आज की तारीख में इतनी है कि विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाले पटना आने वाले छात्र इनके संस्थान में गणित पढ़ना नहीं भुलते.
पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 26 अप्रैल,20 ) । कोरोना संकट के बीच बिहार में कुछ ऐसे युवा हैं जो अपने निजी कोष से लोगों की सहायता के लिए आगे आए हैं तथा समाज में नई प्रेरणा दे रहे हैं ऐसे ही एक जागरूक युवा है पटना के मैथ आईकान शशि शरण जो बैंकिंग की तैयारी कराने के लिए बिहार के युवाओं में यूथ आईकॉन के रूप में मशहूर हो चुके है. पटना में फंसे सैकड़ों प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को यह आर्थिक मदद कर चुके हैं और कर रहे हैं साथ ही साथ छात्रों की पढ़ाई बाधित ना हो इसलिए ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं.कठिन परिस्थितियों में खुद को अडिग रखते हुए सफलता प्राप्त की हो तो सफलता कई मायने में अहम होती किंतु सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद अगर वह इंसान वैसे लोगों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दें जो सफलता के पायदान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और इन्हें सफलता का स्वाद चखा ने लगे तो कहानी अनुकरणीय हो जाती है आज हम आपको बिहार की राजधानी पटना के मछुआ टोली मे आर आर कैंपस, बैंको 40 तथा निश्चय एकेडमी के संस्थापक शशि शरण की प्रेरक कहानी बताने जा रहे हैं एक तरफ जहां पूरे देश में शिक्षण का कार्य बाजारवाद के चपेट में आ चुका है । ऐसे दौर में बिहार की राजधानी पटना में एक ऐसे युवा हैं जो आशा की किरण जगा रहा है। नाम है शशि शरण पिता है सुरेंद्र जी दो भाई और एक बहन के भरे पूरे परिवार में शशि की शिक्षा दीक्षा पटना में हुई है जून 2013 से लेकर अप्रैल 2017 के बीच उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद सिंडिकेट बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कहीं 3 महीने तो कहीं 6 महीने में बैंक पीओ की नौकरी की है शशि बतलाते हैं कि नौकरी लग जाने के बाद उन्हें लगा कि उनके अंदर जो कुछ खास है अगर इसको सामान्य छात्रों के बीच में माता जाए तो सफलता कई मायने में आम हो जाएगी एक था कि उनके संस्थान के जो छात्र अंतिम रूप से चयनित होते हैं उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है वह किसी भी सम्मान या किसी भी बड़ी सफलता से ज्यादा सुकून दाई होती है। पटना मछुआ टोली आरआर कैंपस , गरीब असहाय कमजोर बच्चों को निशुल्क बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए BANCO 40 की स्थापना कि उसके बाद बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए अपने संस्थान निश्चय एकेडमी की शुरुआत की जो आज की तारीख में बैंकिंग की तैयारी करने वाले बिहार के छात्र छात्राओं के लिए सबसे पसंदीदा संस्थान बन चुका है। यहां अर्थशास्त्र व बीपीएससी की भी तैयारी प्रारंभ की गई है आज की तारीख में शशि का यह अभियान आंदोलन बनता नजर आ रहा है उनके संस्थान में सफलता की शत प्रतिशत गारंटी दी जाती है साथ ही साथ छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक से भी पढ़ाया जाता है इस पुरे अभियान के खुद शशि मेंटर है तथा छात्रों को सिलेबस की नित्य बदल रही सूक्ष्म बारिकियों तक से भी अवगत कराते हैं तैयारी मैं इस बात का ख्याल रखा जाता है कि कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। ज्यादा से ज्यादा तादाद में छात्रों को अंतिम रुप से चयनित करवाने की मनसा होती है। बतौर युवा गणितज्ञ यह BSC एकेडमी कैरियर पावर जैसे संस्थानों में भी छात्रों का मार्गदर्शन कर चुके नीलम इन्फोटेक जैसे संस्थान के संस्थापक रहे है निश्चय एकेडमी को लेकर शशि की सोच साफ है इनका कहना है कि उन्होंने संस्थान की स्थापना आर्थिक उपार्जन के लिए नहीं किया बल्कि बाजारवाद में फंस चुकी बिहार की प्रतियोगी संस्थानों के वर्चस्व को तोड़ना उन का एकमात्र मकसद है छात्रों की सफलता के मिठास के आगे सब कुछ बेकार है इनका यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है. इनके मन में बचपन से ही लीक से अलग कुछ कर गुजरने की चाहत थी. जो ज्ञान इनके पास है छात्रों के बीच बांटा जाए तो बिहार से हजारों की तादाद में छात्र विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए चयनित हो सकते हैं. गणित पढ़ाने की कला के कारण छात्रों की भीड़ खिंची चली आती गणित के जादूगर के रूप में प्रसिद्ध शशि शरण की प्रसिद्धि आज की तारीख में इतनी है कि विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाले पटना आने वाले छात्र इनके संस्थान में गणित पढ़ना नहीं भुलते. आज भी निर्धन विकलांग छात्रों को उनके संस्थान में नाममात्र के शुल्क पर शिक्षा दी जाती है. इनके संस्थान में लाइव वीडियो क्लासेज की व्यवस्था भी है. बातचीत के क्रम में उन्होने बताया कि पढ़ने पढ़ाने के अलावा वे कुछ भी नहीं सोचते हैं उन्हें लगता है कि छात्रों के अंदर सब कुछ है बस उसे परोसने की कला सीखनी है. गणित के बारे में छात्रों के दिमाग में बचपन से ही बैठा दिया जाता है कि कठिन है लेकिन तकनीक के माध्यम से पढ़ाते है जिससे छात्रों को लगता है कि अन्य विषय से गणित के सवालों को हल करना काफी आसान है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma