पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 02 अप्रैल,20 ) । संकट की इस घड़ी में आम जनता के साथ भेदभाव उचित नहीं है मैं बिहार सरकार केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि संकटग्रस्त सभी लोगों के लिए समान रूप से कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाए सूचना मिल रही है कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है अगर वह गरीब भी हैं तो उन्हें अनाज नहीं दिया जा रहा है सरकार को संकट की इस घड़ी में अपना पैमाना बदलना चाहिए यह बातें मुंबई से दूरभाष पर समाजसेवी व उद्योगपति रमेश कुमार शर्मा ने कही जो इन दिनों पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं.प्रचार-प्रसार से दूर हजारो लोगों के जीवन रक्षक बने हैं उद्योगपति रमेश कुमार शर्मा, देश के चर्चित उद्योगपति व समाजसेवी रमेश कुमार शर्मा ने कोरोना के कहर के बीच पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पालीगंज विक्रम मनेर दानापुर फुलवारीशरीफ मसौढ़ी के लोगों के लिए एक अनूठी पहल की है जिसके तहत लॉक डाउन के 10 दिनों के अंदर 4000 से ज्यादा लोगों की सहायता उनके द्वारा की गई. रमेश कुमार शर्मा मूल रूप से पटना जिले के नौबतपुर थाना अंतर्गत कोपा कला गांव के निवासी एनआरआई उद्योगपति रमेश शर्मा का कारोबार भारत समेत दुनिया के 15 देशों तक में फैला हुआ है. संकट की इस घड़ी में उन्होंने अपने इलाके के लोगों के लिए अनूठी पहल की शुरुआत की है जिसके तहत पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसी भी व्यक्ति को अगर दवा खरीदने का पैसा नहीं है तो किसी भी दवा दुकानदार के पास जाकर दवाई ले सकता है और उस दवाई के बिल का भुगतान मुंबई से ऑनलाइन रमेश कुमार शर्मा की कंपनी कर रही इस सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 9869466399 भी जारी किया गया है जिसके तहत अभी तक 4000 से ज्यादा लोग इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं. साथ ही साथ इनके कार्यकर्ताओं के द्वारा गरीब असहाय लोगों को खाद्यान्न भी प्रदान किया गया है नौबतपुर बाजार अवस्थित सिनेमा हॉल में गरीब लोगों को भोजन की भी व्यवस्था की गई है.
#कौन हैं रमेश कुमार शर्मा
रमेश कुमार शर्मा पटना जिले के नौबतपुर थाना के कोपा कला गांव के रहने वाले हैं. 63 साल के रमेश कुमार शर्मा के पिता का नाम परशुराम सिंह है . वे पेशे से किसान थे और उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा भी बड़ा होकर टीचर बने. लेकिन रमेश कुमार शर्मा के किस्मत में कुछ और ही लिखा था.गांव के स्कूल में 12 वीं तक पढ़ाई करने के बाद रमेश कुमार शर्मा का चयन इण्डियन नेवी के लिए हुआ. उन्होंने मर्चेंट नेवी में इंजीनियरिंग की डिग्री ली. इसके बाद उनके जीवन में एक बार दुविधा की स्थित खड़ी हो गई
#टॉस ने बदल दिया जिंदगी
सर्व प्रथम रमेश कुमार शर्मा का चयन बिहार स्टेट टेक्स्टबुक में हुआ. घर वाले चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी कर ले. लेकिन उनकी इच्छा थी कि वो Indian नेवी में जाएं. घरवालों और इच्छा के बीच फंसे रमेश कुमार शर्मा फैसला नहीं ले पा रहे थे. घरवालों का कहना था कि कोई सरकारी नौकरी छोड़ता है क्या. ऐसे में रमेश कुमार शर्मा ने एक बड़ा फैसला लिया. उन्होंने टॉस का सहारा लिया क्योंकि वे नेवी छोड़ना नहीं चाहते थे, इसलिए भगवान भोलेनाथ के मंदिर में सिक्का उछालकर फैसला लिया।रमेश कुमार शर्मा की किस्मत इस टॉस ने बदल दी।इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद मर्चेंट नेवी में खूब पैसा कमाने के बाद वे महाराष्ट्र और गुजरात में जमीन खरीदकर इवेंट करने लगे। आज वे मरमरी शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड, अपना इंटरनेमेंट लिमिटेड, अमारा फिल्म प्रोडक्शन लिमिटेड, मल्टी मेरिन सर्विसेज लिमिटेड, फूजी पिक्चर एंड सिनेमा लिमिटेड, फूजी इंजीनयरिंग लिमिटेड आदि 11 कंपनियों के मालिक हैं। वो स्क्रैप का कारोबार करते हैं। पुराने जहाज खरीद कर फिर उसे बेचते हैं। पेशे से चार्टर्ड इंजीनियर रमेश शर्मा जहाज रीसाइकलिंग से जुड़ी कंपनी के मालिक हैं। रमेश कुमार शर्मा बताते हैं कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता पीड़ित मानवता की सेवा करना ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है संकट की इस घड़ी में उनसे जो कुछ भी हो सकता है वे हर संभव मदद करने को तैयार है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma