गरीब असहाय लोगों के लिए चलाया जा रहा राहत अभियान जारी रहेगा जिसके तहत इलाके के किसी भी गरीब व्यक्ति के दवाई के बिल का भुगतान उनकी तरफ से ऑनलाइन किया जा रहा है.
मुंबई/महाराष्ट्र/ पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 04 अप्रैल,20 ) । कोरोना संकट के बीच बिहार के लोगों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया गया है जो भी सरकारी इंतजाम है पूरी तरह से फेल है सरकार गंभीर होती तो दिल्ली में जिस तरह से बिहारियों के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ उस पर रोक लगती जब बिहार के प्रवासी पैदल और जानवरों की तरह गाड़ियों में भर-भर कर बिहार आ गए तब सरकार की नींद खुली है यह बातें एन आर आई बिहारी व चर्चित समाजसेवी उद्योगपति रमेश कुमार शर्मा ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नवी मुंबई से दी है उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में गरीब असहाय लोगों के लिए चलाया जा रहा राहत अभियान जारी रहेगा जिसके तहत इलाके के किसी भी गरीब व्यक्ति के दवाई के बिल का भुगतान उनकी तरफ से ऑनलाइन किया जा रहा है. जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उन्होंने बताया कि एक तरफ पूरे विश्व में इस महामारी ने अपना कहर बरपा रखा है वहीं दूसरी तरफ बिहार जैसे गरीब प्रांत में लोग दाने-दाने को मोहताज हैं यहां भी सरकार राजनीति करने से बाज नहीं आई समान आचार संहिता के तहत सभी लोगों के लिए अनाज की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए यहां भी सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के तहत सिर्फ राशन कार्ड धारियों और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का ही वर्गीकरण किया है जबकि लाखों करोड़ों ऐसे लोग हैं जिनके घरों में विगत 9 दिनों से चूल्हा नहीं जला है.बिहार की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि आज भी देश का सबसे गरीब राज्य बिहार है।
बिहार के 38 जिलों में से 11 जिले ऐसे हैं जिसमें 10 में से 6 लोग गरीब हैं। यह जिले मुख्यतया उत्तर बिहार में है और अररिया व मधेपुरा में गरीबों की यह संख्या बढ़कर 10 में 7 हो जाती है। देश के 640 जिलों में से वैसे जिले जहां 60% गरीब है, ऐसे जिलों की आबादी करीब 4 करोड़ है।
इन 4 करोड़ लोगों में से आधे से ज्यादा ( 2 करोड़ 80 हजार) लोग बिहार के इन्हीं 11 जिलों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि समय रहते अगर राज्य सरकार सचेत नहीं हुई तो कोरोना से ज्यादा बिहार में भूख से मौतें होंगी. बिहार में पॉजिटिव लोगों की जो रिपोर्ट आ रही है उसी पर विरोधाभास उत्पन्न हो गया है सरकार सभी मोर्चों पर असहाय नजर आ रही ऐसे समय में बिहार के लोगों के कल्याण के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार को मिलकर समान रूप से सब के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में इन दिनों देश और विदेश से लौटे कामगारों के कारण स्थिति और विस्फोटक हुई है.पंचायत स्तर पर जांच की व्यवस्था तथा गरीब लोगों के लिए भोजन और दवाओं की व्यवस्था होनी चाहिए .अपने संगठन के माध्यम से पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के मनेर बिहटा दानापुर पालीगंज विक्रम मसौढ़ी नौबतपुर फुलवारी इलाके के लोगों के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि जो संकट आज हुआ है वह अपने साथ कई सारे दर्द देकर जाने वाला है समय रहते अगर सचेत नहीं रहा गया तो इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा.रमेश कुमार शर्मा मूल रूप से पटना जिले के नौबतपुर थाना अंतर्गत कोपा कला गांव के निवासी एनआरआई उद्योगपति रमेश शर्मा का कारोबार भारत समेत दुनिया के 15 देशों तक में फैला हुआ है. संकट की इस घड़ी में उन्होंने अपने इलाके के लोगों के लिए अनूठी पहल की शुरुआत की है जिसके तहत पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसी भी व्यक्ति को अगर दवा खरीदने का पैसा नहीं है तो किसी भी दवा दुकानदार के पास जाकर दवाई ले सकता है और उस दवाई के बिल का भुगतान मुंबई से ऑनलाइन रमेश कुमार शर्मा की कंपनी कर रही इस सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 9869466399 भी जारी किया गया है जिसके तहत अभी तक 4000 से ज्यादा लोग इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं. साथ ही साथ इनके कार्यकर्ताओं के द्वारा गरीब असहाय लोगों को खाद्यान्न भी प्रदान किया गया है नौबतपुर बाजार अवस्थित सिनेमा हॉल में गरीब लोगों को भोजन की भी व्यवस्था की गई है.
#कौन हैं रमेश कुमार शर्मा
रमेश कुमार शर्मा पटना जिले के नौबतपुर थाना के कोपा कला गांव के रहने वाले हैं. 63 साल के रमेश कुमार शर्मा के पिता का नाम परशुराम सिंह है . वे पेशे से Kisan थे और उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा भी बड़ा होकर टीचर बने. लेकिन रमेश कुमार शर्मा के किस्मत में कुछ और ही लिखा था.गांव के स्कूल में 12 वीं तक पढ़ाई करने के बाद रमेश कुमार शर्मा का चयन Indian नेवी के लिए हुआ. उन्होंने मर्चेंट नेवी में इंजीनियरिंग की डिग्री ली. इसके बाद उनके जीवन में एक बार दुविधा की स्थित खड़ी हो गई
#टॉस ने बदल दिया जिंदगी
सर्व प्रथम रमेश कुमार शर्मा का चयन बिहार स्टेट टेक्स्टबुक में हुआ. घर वाले चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी कर ले. लेकिन उनकी इच्छा थी कि वो Indian नेवी में जाएं. घरवालों और इच्छा के बीच फंसे रमेश कुमार शर्मा फैसला नहीं ले पा रहे थे. घरवालों का कहना था कि कोई सरकारी नौकरी छोड़ता है क्या. ऐसे में रमेश कुमार शर्मा ने एक बड़ा फैसला लिया. उन्होंने टॉस का सहारा लिया क्योंकि वे नेवी छोड़ना नहीं चाहते थे, इसलिए भगवान भोलेनाथ के मंदिर में सिक्का उछालकर फैसला लिया।रमेश कुमार शर्मा की किस्मत इस टॉस ने बदल दी।इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद मर्चेंट नेवी में खूब पैसा कमाने के बाद वे महाराष्ट्र और गुजरात में जमीन खरीदकर इवेंट करने लगे। आज वे मरमरी शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड, अपना इंटरनेमेंट लिमिटेड, अमारा फिल्म प्रोडक्शन लिमिटेड, मल्टी मेरिन सर्विसेज लिमिटेड, फूजी पिक्चर एंड सिनेमा लिमिटेड, फूजी इंजीनयरिंग लिमिटेड आदि 11 कंपनियों के मालिक हैं। वो स्क्रैप का कारोबार करते हैं। पुराने जहाज खरीद कर फिर उसे बेचते हैं। पेशे से चार्टर्ड इंजीनियर रमेश शर्मा जहाज रीसाइकलिंग से जुड़ी कंपनी के मालिक हैं। रमेश कुमार शर्मा बताते हैं कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता पीड़ित मानवता की सेवा करना ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है संकट की इस घड़ी में उनसे जो कुछ भी हो सकता है वे हर संभव मदद करने को तैयार है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma