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बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनसंग्राम संगठन के खगड़िया जिला सचिव प्रवीण कुमार प्रियांशु ने अपने जन्म-भुमि शुम्भा पंचायत के वास्तविकता से माननीय मुख्यमंत्री बिहार सरकार नीतिश कुमार एवं जिला प्रशासन को अवगत एक झलक में खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के विकास प्रेस के माध्यम से कराया है


अभी तक इस पंचायत के उपर किसी भी प्रतिनिधि या मंत्रीजी का ध्यान आकर्षित नहीं हुआ।सब यहाँ अपने वोटों के लिए हाँ कह दिये पर जीतने के बाद एक बार भी इस पंचायत में देखने तक नहीं आये कि इस पंचायतों के जनता का किया समस्या है।

राजेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट 

खगड़िया, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 26 अप्रैल,20 ) । बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनसंग्राम संगठन के खगड़िया जिला सचिव  प्रवीण कुमार प्रियांशु ने अपने जन्म-भुमि शुम्भा पंचायत के वास्तविकता से माननीय मुख्यमंत्री बिहार सरकार नीतिश कुमार एवं जिला प्रशासन को अवगत एक झलक में खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के विकास प्रेस के माध्यम से कराया है । उन्होंने पत्रकार से संवोधित करते हुऐ कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार सरकार से कहा है कि खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड की स्थिती स्वतंत्रता से पहले बहुत ही दयनीय थी,लेकिन स्वतंत्रता के बाद से ही शुम्भा(अलौली)खगड़िया के विकास के लिए बहुत सारे प्रयास किए गए हैं।1951 से ही समस्त भारत के राज्यों,जिलों एवं पंचायतों के विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं का आयोजन किया गया है। भारत ने स्वतंत्रता के पश्चात हर क्षेत्र में बहुत ज्यादा प्रगति की है जिस कारण आज के समय का भारत प्राचीन भारत से बहुत ही अलग है।
विभिन्न क्षेत्र में विकास- भारत समय के साथ साथ हर क्षेत्र में खुद को बेहतर बना रहा है और नीत विकास के नए नए मार्ग खोज रहा है। कृषि के क्षेत्र में बहुत विकास हुए है। नई नई तकनीके अपनाई गई है और हरित क्रांति भी आई थी। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत से विकास हुए हैं। विज्ञान और तकनीक के माध्यम से भारत को डिजीटल बनाया गया है जिसकी वजह से लोग ज्यादा जागरूक हो गए हैं। हमने चिकित्सा के क्षेत्र में भी बहुत विकास किया है। गाँवों का भी विकास हुआ है और वहाँ पर भी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
विकास की आवश्यकता- भारत में अभी भी बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें विकास की आवश्यकता है और अब तक प्राप्त किए गए संसाधन सभी लोगों के समान रूप से प्राप्त नहीं होते हैं।उसी में एक मेरा शुम्भा पंचायत भी शामिल है जो कि बिहार राज्य के अन्तर्गत खगड़िया जिला के अलौली प्रखण्ड अन्तर्गत में आता है।भारत के 80 प्रतिशत संसाधन में 10 प्रतिशत अमीर लेगों के पास है और बाकि संसाधन 90 प्रतिशत गरीब लोगों के पास है। भारत के अभी भी कुछ इलाके बिहार राज्य के अन्तर्गत खगड़िया जिला से अलौली प्रखण्ड अन्तर्गत शुम्भा पंचायत पिछड़े हुए हैं,जिनपर ध्यान देने की आवश्यकता है और उनका विकास भी जरूरी है।
निष्कर्ष- भारत के विकास में एवं बिहार राज्य के अन्तर्गत खगड़िया जिला से अलौली प्रखण्ड अन्तर्गत शुम्भा पंचायत में अभी भी सभी लोगों को एक समान लेकर चलने की आवश्यकता है। किसी भी राष्ट्र,राज्य तथा उससे सम्बन्ध जिला और पंचायत का विकास तब होता है जब उसके नागरिकों का पूर्ण रूप से विकास होता है और शुम्भा के पूर्ण विकास के लिए ज्यादा विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है। शुम्भा पंचायत भौगलिक रुप से हर हाल में प्रखण्ड बनने लायक है,जबकि इस पंचायत का प्रखण्ड के लिए प्रस्ताव सन 1991 ई० से हि प्रयासरत है जिसमें इस पंचायत के सम्मानित व्यक्ति जिनका नाम कुछ इस प्रकार है --

1-श्री सहदेव जायसवाल-शिक्षक
2-" छोटेलाल पासवान-पूर्व सरपंच
3-"जागो पासवान-साजसेवी
4-"अशोक सिंह-पूर्व मुखिया एवं जिला परिषद 
5-"विनोद राम-पूर्व मुखिया 
6-"भागरथी पासवान-पैक्स अध्यक्ष,सह जिला डायरेक्टर,खगड़िया
7-"सोचित साह-पूर्व समिति
8-"प्रीतम पासवान-पूर्व सरपंच
9-"महेश पासवान-वर्तमान सरपंच
10-कुमारी सुधा पासवान-समाज सेविका
11-"रंजीत पासवान-वर्तमान मुखिया
12-"महेश पासवान-समाजसेवी
एवं तमाम शुम्भा पंचायत के गणमान्य व्यक्ति जिन्होंने हरसंम्भव प्रयास किये अपने पंचायत को प्रखण्ड बनाने के लिए पर अभी तक ना हुआ।इस पर समस्त ग्रामवासियों के द्वारा बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया।लेकिन उन्होंने भी आश्वासन दिया पर अभी तक यह पंचायत उसी तरह जिल्लत की जिन्दगी जी रहा है।जो कि यह शुम्भा पंचायत हर चीज से भरा पुरा और किसी तरह सुखी सम्पन्न है।जो हर माध्यम से प्रखण्ड बनने के लिए तात्पर्य है पर अभी तक इस पंचायत के उपर किसी भी प्रतिनिधि या मंत्रीजी का ध्यान आकर्षित नहीं हुआ।सब यहाँ अपने वोटों के लिए हाँ कह दिये पर जीतने के बाद एक बार भी इस पंचायत में देखने तक नहीं आये कि इस पंचायतों के जनता का किया समस्या है। जबकि 30वर्षो तक विधायक रहने वाले माननीय पशुपति कुमार पारस,5 वर्षो तक रामचन्द्र सदा,और अभी वर्तमान में चंदन राम जो कि इस अलौली विधानसभा में विधायक रह चुके हैं,पर अभी तक किसी भी ने इस शुम्भा पंचायत पर अपनी दया नहीं दिखाई।जबकि किसी भी प्रतिनिधि का भाग्योदय का फैसला इस पंचायत के व्दारा ही होता है।अत: हम सभी शुम्भा पंचायत के वासियों एवं प्रतिनिधियों के व्दारा बिहार सरकार नितिश कुमार से मांग है कि आप अपने स्तर से जाँच कर इस शुम्भा पंचायत को प्रखण्ड बनाने का आदेश अविलंब पारित करें।इसके लिए हम समस्त शुम्भा ग्रामवासी आपका सदैव ऋणी रहेंगे।।और साथ ही यहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है,पर यहाँ पर डॉक्टर एक भी नहीं जिससे हम लोगों में परेशानी का माहौल रहता है।कोई भी माँ- बहन को प्रसव के लिए यहाँ से 18 किलोमीटर की दुरी तय करके खगड़िया या फिर 9किलोमीटर की दुरी तय कर अलौली जाना होता है,वो भी रास्ता सही नहीं रहता है।अगर ऐसे में कोई भी परेशानी हो जाता है तो व्यक्ति रास्ते में ही दम तोड़ देता है अत: इन सब परेशानी से बचने के लिए हम समस्त ग्रामवासी आप से निवेदन करते हैं,हमारे पंचायत में स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान आकर्षित करते हुए वर्षों से माँग की जा रही प्रखण्ड के लिए आप अपने स्तर से जाँच कर शुम्भा पंचायत को प्रखण्ड में तबदिल करने को जरुरी समझे।कारण यह  शुम्भा पंचायत अगल-बगल के पड़ोसी पंचायतों का जंक्शन है जहाँ रोज लोगों का हर जरुरी चीजों के लिए आना-जाना लगा रहता है। उपरोक्त जानकारी भागीरथी पासवान 
पैक्स अध्यक्ष(शुम्भा)अलौली, सह जिला डायरेक्टर सेन्ट्रल काॅपरेटिव बैंक,खगड़िया मो०-8406820495 एवं समस्त शुम्भा ग्रामवासी की ओर से प्रेस को दिया गया। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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