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राहत बांटने में लाॅक डाउन का मजाक उड़ा रहे हैं, नेताजी


नेताओं ने थाना क्षेत्र के बेलामेघ पंचायत में विगत सोमवार को हुए आगलगी में 50 पीड़ित परिवारों के बीच राहत सामग्री का वितरण करने पहुंचे.

राजेश कुमार वर्मा/अभिनव कुमार 

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 09 अप्रैल,20 ) । देश में कोरोना महामारी के कारण पिछले 23 मार्च से अगले 21 दिनों के लिए लॉक डाउन हैं । ऐसे में मजदूर अपनी रोजी-रोटी को छोड़ अपने घरों में रह रहे हैं । मगर हमारे देश के नेताओं को इस बात की फ़िक्र तक नहीं । वोट बैंक के लिए आम जनों के जान से खेलने को तैयार रहते हैं । चाहे पक्ष के हो या विपक्ष के इनके लिए तो जनता की जान से ज्यादा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी जरुरी है.कुछ इसी तरह का लगा जब नेताओं ने थाना क्षेत्र के बेलामेघ पंचायत में विगत सोमवार को हुए आगलगी में 50 पीड़ित परिवारों के बीच राहत सामग्री का वितरण करने पहुंचे.तो उन्हें यह भी याद नहीं रहा कि देश में इस समय लॉक डाउन है । जदयू के राष्ट्रीय सचिव प्रशांत पंकज जब यहां पीड़ित परिवारों की सुध लेने पहुंचे । जहां उन्होंने आग से जले घरों का जायजा लिया साथ ही पीड़ित परिवारों के बीच खाद्य सामग्री के साथ आर्थिक मदद भी की.लेकिन राहत सामग्री का वितरण करते समय एक अच्छी तादाद में भीड़ भी लगा डाला.हलाकिं खुद युवा नेता प्रशांत पंकज हाथों में गलब्स और चेहरे पर मास्क जरूर लगाएं हुए थे.मौके पर कई जदयू कार्यकर्ता के अलावे समाजसेवी लोगो भी मौजूद थे मगर इस बात का किसी ने भी ध्यान नहीं दिया । 
कुछ इसी तरह का हाल राजद नेताओं का भी था । स्थानीय विधायक आलोक कुमार मेहता के निर्देश पर विधायक प्रतिनिधि अशोक कुमार स्थानीय राजद नेताओं के साथ अग्नि पीड़ित परिवारों के बीच खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे.आपदा से प्रभावित परिवारों को स्थानीय विधायक के सौजन्य से खाद्य सामग्री व वस्त्र वितरित किया गया.परिवारों की अति दयनीय स्थिति को देखकर विधायक प्रतिनिधि ने पीड़ित परिवारों को ढाढ़स बंधाते हुए हर सम्भव मदद के साथ साथ अतिशीघ्र नियमानुकूल सरकारी मदद करवाने का आश्वासन भी दिया.राहत सामग्री के तौर पर साड़ी, चावल, दाल, आटा, आलू, तेल, साबुन सहित चीउरा, मीठा एवं अन्य सामग्री वितरित भी की गई.लेकिन वितरण के दौरान लॉक डाउन को ताक पर रख दिया । क्या इस तरह मदद कर हमारे नेता वोट बैंक की राजनीति कब तक करते रहेंगे । कुछ तो इन लोगों ने इस देश के नियमों का पालन किया होता.राहत समाग्री बांटने के लिए घर घर जा कर एक पैकेट एक परिवार को दिया होता तो जनता का भरोसा भी बना रहता और उनकी जान भी सुरक्षित रहती । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अमरदीप नारायण प्रसाद की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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