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मुख्य अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण समस्तीपुर द्वारा सरकारी नियम कायदे कानून एवं पद की मर्यादा को ताख पर रखकर नियम के विरुद्ध मनमाने ढंग से कार्य करने में बरदहस्त प्राप्त है : प्रमोद कुमार सिन्हा


वित्त विभाग बिहार सरकार के ज्ञांपाक 3ए -1-143-2017/ 4936 वि. दिनांक 02.07.2018 के अनुसार वरीय लेखा लिपिक (स्नातक )को पूर्व में स्वीकृत किये गये पुराने वेतनमान एवं ग्रेड पे में सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना में सुधार कर नया वेतनमान एवं ग्रेड पे देना है

मुख्य अभियंता द्वारा अपने पत्रांक 2070, दिनांक 27-07-2018 के माध्यम से श्री प्रमोद कुमार सिन्हा, वरीय लेखा लिपिक (स्नातक ) बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बेगूसराय को जो सभी लेखा लिपिकों से वरीय एवं स्नातक होते हुए भी इनसे कनीय कनीय लेखा लिपिकों को वेतनमान एवं ग्रेड पे सुधार कर प्रोन्नति दी गई है यह सोचनीय प्रश्न है 

राजेश कुमार वर्मा 

बेगूसराय/समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 13 अप्रैल,20 ) । मुख्य अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण समस्तीपुर द्वारा सरकारी नियम कायदे कानून एवं पद की मर्यादा को ताख पर रखकर नियम के विरुद्ध मनमाने ढंग से कार्य करने में बरदहस्त प्राप्त है । संपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य अभियंता, बाढ़ नियंत्रण के एवं जल निस्सरण समस्तीपुर द्वारा सरकारी नियम कायदे कानून एवं पद की मर्यादा को ताख पर रखकर नियम के बिरुद्ध मनमाने ढंग से कार्य करने में इनको बरदहस्त प्राप्त है। जहाँ एक ओर परसेंटेज के कारण ठीकेदारी से सम्बंधित कोई भी कार्य की प्राथमिकता दी जाती है । वहीँ दूसरी ओर स्थापना से सम्बंधित अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यों में शिथिलता बरती जाती है । बताया जाता है कि सरकारी नियमानुसार स्थापना की बैठक वर्ष में दो बार नवंबर -दिसंबर एवं जून -जुलाई में कर समस्या का निदान किया जाना है । जबकि मुख्य अभियंता द्वारा इस मामले में शिथिलता बरतते हुए वर्षों -वर्ष से बैठक ही नहीं की जा रही है । बैठक नहीं करने के पीछे क्या कारण हो सकता है ऐ सोचनीय प्रश्न है ..?  
     वहीं वित्त विभाग बिहार सरकार के ज्ञांपाक 3ए -1-143-2017/ 4936 वि. दिनांक 02.07.2018 के अनुसार वरीय लेखा लिपिक (स्नातक )को पूर्व में स्वीकृत किये गये पुराने वेतनमान एवं ग्रेड पे में सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना में सुधार कर नया वेतनमान एवं ग्रेड पे देना है । दुखद पहलू है कि मुख्य अभियंता द्वारा अपने पत्रांक 2070, दिनांक 27-07-2018 के माध्यम से श्री प्रमोद कुमार सिन्हा, वरीय लेखा लिपिक (स्नातक ) बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बेगूसराय को जो सभी लेखा लिपिकों से वरीय एवं स्नातक होते हुए भी इनसे कनीय कनीय लेखा लिपिकों को वेतनमान एवं ग्रेड पे सुधार कर प्रोन्नति दी गई है यह सोचनीय प्रश्न है 
       सनद रहे इस आदेश के पूर्व भी वित्त विभाग के आदेश अनुसार श्री सिन्हा को उपरोक्त आदेशानुसार प्रोन्नति दी गई थी जो वित्त विभाग के आदेश निरस्त फलस्वरूप यह आदेश स्वतः निरस्त हो गया. 
      अब प्रश्न उठना लाज़िमी है कि इस प्रकार कि दोगलेपन कि नीति मुख्य अभियंता द्वारा किया जाना एक जाँच का विषय है और इससे संबधित कर्मचरियों / पदाधिकारियों पर नियमानुसार कार्रवाई होना बहुत ज़रूरी है. 
      इस सम्बन्ध में श्री सिन्हा द्वारा मुख्य अभियंता को अनेकों पत्राचार किया गया है और कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बेगूसराय द्वारा भी पत्रांक 1027, दिनांक 2.11.18एवं पुनः पत्रांक 1307, दिनांक 20.12.18 (अनु )द्वारा प्रस्ताव मुख्य अभियंता को भेजा गया है जो अभीतक लंबित है. 
      ज्ञात हो श्री सिन्हा द्वारा नियम बिरुद्ध कार्य के सम्बन्ध में शिकायत माननीय उप मुख्य मंत्री से भी की गयी है 
       इतना ही नहीं जे पी सेनानी प्रदेश अधक्ष्य श्री देवेंद्र प्रसाद द्वारा भी शिकायत माननीय मंत्री जल संसाधन विभाग बिहार सरकार पटना से भी की गयी है इसके अतिरिक्त कईएक सूचना अधिनियम के तहत जानकारी मांगी गयी है । सरकार ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी /पदाधिकारी पर उचित दंडात्मक कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस प्रकार अनुचित कार्रवाई से लोग करने में घबराबे, तभी शुद्ध एवं स्वक्ष सुशासन सुशोभित हो सकता है । उपरोक्त जानकारी वाट्सएप के माध्यम से प्रमोद कुमार सिन्हा ने मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय को दिया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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