एक बार फिर प्रमाणित हो गया कि नितिश कुमार आम लोगों के नहीं बल्कि रसूखदार लोगों के मुख्यमंत्री हैं : सादिक़
पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 19 अप्रैल,20 ) । कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश भर में लॉक डाउन लागू है। बिहार समेत अन्य कई राज्यों के छात्र मजदूर बड़ी संख्या में दुसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। लॉक डाउन के कारण उनके पास सही से खाने पीने तक की सुविधा नहीं है जिसके मद्देनजर सीवाईएसएस समेत कई विपक्षी दलों ने बिहार से बाहर फंसे बिहारियों को बिहार लाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मांग को लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन होने की दुहाई दे कर टाल दिया था । परंतु अब इस विषय पर एक बार फिर से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा विधायक अनील सिंह को उनके बेटे को कोटा से लाने का परमिशन दिया गया है, इस सूचना के सार्वजनिक होते ही सीवाईएसएस ने सवाल उठाना शुरू कर दिया।
सीवाईएसएस के बिहार राज्य प्रभारी व दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नेता सादिक़ रज़ा ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आम लोगों के बच्चों को बिहार लाने में लॉक डाउन के नियम का उल्लंघन होता है और भाजपा विधायक के बेटे को कोटा से लाने में नियम का उल्लंघन नहीं होगा? बिहार सरकार आम बिहारीयों की भी सरकार है या बस वीआईपी की सरकार है? में इस फ़ैसले से नितिश कुमार ने एक बार फिर प्रमाणित कर दिया कि वे आम लोगों के नहीं बल्कि रसूखदार लोगों के मुख्यमंत्री हैं।
रज़ा ने मांग किया है कि बिहार के बाहर फंसे तमाम छात्र मजदूरों को अब बिहार लाना चाहिए, अगर विधायक जी के बेटा को लाया जा सकता है तो आम आदमी के बेटे बेटीयों को भी बिहार लाना ही होगा। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma