राजेश कुमार वर्मा/ उजैन्त कुमार
कोयंबटूर, तमिलनाडु ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 02 अप्रैल,20 ) । तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले में कोरोना वायरस की महामारी से बचाव को लेकर विगत 09 दिन से लॉक डाउन लगा हुआ है । जिसके वजह से वहां के कल - कारखाने में कार्यरत विभिन्न राज्यों के गरीब, निर्धन परिवार की रोजीरोटी छीन गई है । पसारा ट्रस्ट हॉस्पिटल बिल्डिंग, गणेशपुरम् कोयंबटूर में कन्स्ट्रक्शन कार्य में कार्यरत मजदूर के मेट मो० फिरोज ने मिथिला हिन्दी न्यूज के प्रतिनिधि को अपनी दु:ख भरी कहानी दूरभाष पर बताया । इसके साथ ही विडियों भी भेजा गया है । मो० फिरोज ने बताया की हमलोग करीब 50 लोग हैं जो कन्स्ट्रक्शन का काम करते है । लॉक डाउन के बजह से काम बंद कर दिया गया । इसके कारण हमलोगों के समक्ष राशन पानी की दिक्कत हो गई है । यहाँ हमलोग चार-पाँच दिन से भूखे प्यासे लॉक डॉउन का मार झेल रहे हैं । वहीं इन लोगों का कहना है की आज तक सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की राहत सामग्री नहीं पहुँचाया गया है । सरकार ने जितना भी हेल्पलाइन नंबर जारी किया है । वह सभी या तो बंद है या बिजी या तो नेटवर्क एरिया से बाहर बताया जाता है । अब ऐसे में तो लोग भूखे ही मर जाएंगे । कृप्या हमारी आवाज भारत सरकार या राज्य सरकार तक मीडिया के माध्यम से पहुंचाने की बात कही है । ताकि इनलोगों को भूखे प्यासे नहीं मरना पड़े। इस संदर्भ में जब हमारे पटना प्रतिनिधि ने चेन्नई तमिलनाडु के जिलाधिकारी महोदया से इन मजदूरों के संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने बताया कि जहां जहां लोग आपकी जानकारी के अनुसार फंसे हुऐ है । उनलोगों का नाम-पता वाट्सएप माध्यम से भेजे तो किसी प्रकार की सहायता संभव है। ताजुब्ब की बात है कि जिलाधिकारी का कहना है की फंसे हुए लोगों की सूची भेंजे । अब प्रश्न यह उठता है की क्या जिलाधिकारी को अपने जिले की स्थिति या कल कारखाने या कन्स्ट्रक्शन कार्य इत्यादि कार्यों में मजदूरों सहित जनमानस कितने है, इसकी जानकारी नहीं है । या सरकारी सहायता राशि की कमी है । जिसके कारण लोगों तक लॉक डाउन में घोषित सरकारी सहायता नहीं पहुंच पा रहा है । संदेह के घेरे में चल रहा है लॉक डाउन की सरकारी सहायता कोरोना वायरस की महामारी की कहर से बचाव कार्य सरकारी जिला प्रशासन की कागज के पन्नों पर ही सहायता के नाम पर टांय-टांय फिस्स है राज्य सरकार। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा उजैन्त कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma