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बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह की कलम से पढ़िए फ़ुर्सत के पल में जीवन के पथ में ज्ञान


अनूप नारायण सिंह 
पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 12 अप्रैल,20 )। जीवन के पथ में ज्ञान सम्भावनावो का सृजन कर समर्थवान बनाता है। जीवन तब समाप्त हो जाता है जब आप सपने देखना बंद कर देते हैं।आशा तब समाप्त हो जाती है जब आप विश्वास करना बंद कर देते हैं।प्रेम तब समाप्त हो जाता है जब आप समर्पण करना बंद कर देते हैं।इसलिए सपने देखें, साथ ही ए जान ले कि हक़ीक़त के क़रीब ही जीवन वास्तव में खूबसूरत है।जाने- अनजाने में बहुत कुछ ज़िंदगी के सफ़र में सिख मिलती रहती है जो किताबो में दर्ज़ नही होता है।हम एक समूह के साथ पुलिस सेवा में आने पर क़ानूनी एवं व्यावहारिक पुलिसिंग ज्ञान ट्रेनिंग के रूप में प्राप्त किए। उसके उपरांत जनता की सुरक्षा और क़ानून की रक्षा के लिए पदस्थापन हुई। जनता और अपराधियों के बीच कई घटना चुनौती के रूप में सामने आइ।उस चुनौती पर विजय के साथ ज्ञान प्रकाश रूप में नई सिख कार्य क्षमता को मज़बूती प्रदान करते हुवे बेहतर पुलिस अधिकारी के रूप में मार्ग प्रशस्त हुई।महान विचारक चाणक्य के अनुसार जीवन समय पर व्यक्ति को स्वत: ही बहुत सारी बातें सीखा देता है।बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक व्यक्ति को प्रायः कई तरह के अनुभव प्राप्त होते हैं ।उन अनुभवों को हमें दूसरों को बांटना चाहिए , ताकि आने वाली भविष्य की धरोहर युवा होती पीढ़ी उन अनुभवों से लाभान्वित हो सकें।हमारे सामाजिक बदलाव के कठोर निर्णय , हमारी संस्कार, संस्कृति और कठिनाई से जीवन जीने की सच्चाई , ईमानदारी आने वाली पीढ़ी को सुदृढ़ जीवन शैली की ओर आगे बढ़ा सके।आज हम इक्कसवी सदी में प्रवेश कर चुके हैं ।आज हम सभी सायद जीवन की कठिन घड़ी से जूझ रहे हैं।हमारी पुरानी पीढ़ी भी विभिन्न तरह की घटनाओं से रुबरु होते आई होगी।आज की पड़ाव में बीच की पीढ़ी, युवावस्था की ओर बढ़ती पीढ़ी कठिन परिस्थिति से निपटने की चुनौती को स्वीकार कर चुकी हैं।यही अनुभव हमें सुखद जीवन जीने की सच्चाई और कभी उत्पन्न कठिनाई से बाहर निकाल कर जीवन को बेहतर करती है।जब भी कोई व्यक्ति अपने किसी कार्य में सफलता हासिल करता है तो,उसका आत्मविश्वास बढ़ जाता है। एक नई ज्ञान ऊर्जा का निर्माण होता है। परन्तु अगर आत्मविश्वास में कमी झलकती है तो, वह कठिन परिस्थितियो का मुकाबला नहीं कर सकता हैं।जीवन के पथ में ज्ञान एक दिव्यज्योति की अलौकिक प्रकाश होती जो एक विकसित राष्ट्र , समाज और व्यक्ति का निर्माण कर सकता है।
      वक़्त के साथ ज़िंदगी के सफ़र में गुरुकुल जैसा शिक्षा, ज्ञान की बातें जानने सिखने को मिलता है।किसी कंजूस के लिए भला धन का क्या उपयोग , किसी दुष्ट के लिए दिव्य ज्ञान का क्या उपयोग, अच्छे चरित्र से रहित किसी व्यक्ति के लिए सुंदरता का क्या उपयोग, विपत्ति के समय मुँह मोड़ लेने वाले मित्र का क्या उपयोग, ये सब अर्थहीन है।किसी महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति को अनेक लोग उसके चारों और झुण्ड बनाए रखते हैं और उसका मित्र होने का झूठी दिखावा करते है।परन्तु जब वह व्यक्ति पद और धन खो देता है तब उसके रिश्तेदार तक भी उससे दूरी बना लेते हैं। कोई मित्र सच्चा है या झूठा, इस बात को विपती के समय ही जाना समझा जा सकता है। किसी व्यक्ति की शुद्धता का परीक्षण उसके द्वारा उन स्थानो पर किए जाने वाला आचरण होता है जहाँ उसे कोई नहीं जानता पहचानता है।किसी स्त्री के निष्ठा की परीक्षा पुरुष का धन समाप्त हो जाने पर होती है।राजा हो या व्यापारी धन एकत्र करने की महत्वकांक्षा कभी तृप्त नहीं होती।जिस प्रकार किसी भयानक भड़कते हुई आग में ईंधन जितनी भी डाली जाए तो उसे तृप्त नहीं किया जा सकता है ।नदियों से समुद्र में चाहे कितना भी पानी क्यों न जाए परंतु समुद्र को भरा नहीं जा सकता है।दुनिया में दुष्ट व्यक्ति का पतन उसी  प्रकार होता है जिस प्रकार नदी के किनारे पर स्थित वृक्षों को नदी की धार अपने साथ बहा ले जाती है।इस सृष्टि में सबसे उत्कृष्ट पुरुष वे हैं जो अपने निर्धारित दायित्व का पालम करके परिश्रम द्वारा अर्जित वस्तुओं से अपना भरण पोषण करके संतुष्ट रहते हैं।एक महान व्यक्तित्व के ह्रदय के अंतरतम में ज्ञान का वास्तविक सच छुपा होता है।हर इंसान को जीवन के पथ में महान पुरुषों द्वारा अपनाए गए रास्ते को ही एक सही मार्ग के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।किसी कि बुद्धि तभी उपयोगी होती है जब वह दूसरे के भावों और इशारों को समझने में सक्षम हो।जीवन में किसी व्यक्ति को वह जगह छोड़ देनी चाहिए जहाँ कोई भी उसका आदर  या सम्मान नहीं करता है।इस धरती पर निद्रा से नींद को जीतना, आग में घी डालकर बुझाना,और शराब से व्यक्ति की प्यास को बुझाना असम्भव है। रोना एक शिशु की ताक़त तो मूर्ख की  ताक़त उसकी चुप्पी में निहित होती है , तथा एक चोर की ताक़त झूठ में निहित होती है।अतीतकाल के दर्पण में दिखता है कि अच्छे कार्यों का बदला अच्छाई से और हिंसा का बदला हिंसा से चुकाया जाता है।अच्छा व्यक्ति दुष्टों के संग पाक उसी प्रकार मिट जाता है जिस प्रकार धूल के साथ मिलकर शुद्ध पानी मैला हो जाता है।शिक्षा, ज्ञान का महत्व धरती के हर काल खंड में सदा रहा है, आज भी है और कल भी रहेगा।ए सत्य है कि शिक्षा किसी कुरूप को भी सुंदर बना देती है ।शिक्षा एक अच्छी संरक्षित संपत्ति है। एक व्यक्ति के घर के अंदर कई चीज़ें होती हैं जिन्हें उसे लूटा जा सकता है परंतु शिक्षा एक ऐसी पूंजी है जिसे कभी भी उस व्यक्ति से छीना नही जा सकता है।मित्र की सुंदर परिभाषा है कि किसी व्यक्ति के पीठ के पीछे निभाई जाने वाली मित्रता ही वास्तविक मित्रता है।इंसान के जीवन में जीत एक उपलब्धि होती है , ख़ुशी आनंद की अनुभूति देती है । परन्तु हार एक सुधार की सिख का मार्ग प्रशस्त कर पुनः विजय कि मार्ग पर चल कर विजेता बनाती है।और अंत में कहूँगा :- “ सबकुछ पा लेने की बेचैनी और खो देने का डर,बस इतना ही है, ज़िंदगी का सफर”। मृत्युंजय । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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