विद्यापतिनगर में भगवान नंदी की मूर्ति को जल व दूध पिलाते श्रद्धालु
विद्यापतिनगर/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 08 अप्रैल,20 ) । भगवान शिव की सवारी कहे जाने वाले नंदी महाराज के दूध पीने की जानकारी जब फैली तो एक मंदिर पर कौतूहल बन गया। दूर-दूर से लोग महाराज को दूध पिलाने व दर्शन करने के लिए पहुंचे। महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर करोना से सलामती की दुआएं मांगी। यह वाक्या हुआ प्रखंड अंतर्गत मऊ धनेशपुर दक्षिण पंचायत के वार्ड संख्या नौ स्थित नागेश्वरनाथ महादेव मंदिर में। जहां मंगलवार की दोपहर के समय कतिपय महिला श्रद्धालुओं ने पूजा -अर्चना के दरम्यान नंदी महाराज को दूध पिलाया तो देखकर आश्चर्यचकित हो गईं । जब नंदी ने दूध पीना शुरू किया। वहां मौजूद एक-दो अन्य श्रद्धालुओं ने भी दूध व जल पिलाया तो वहीं माजरा सामने आया। नंदी के दूध पीते ही धीरे-धीरे यह सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। दी। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंच नंदी को दूध पिलायी।इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय समाजसेवी पी.एस.लाला,जदयू पंचायत अध्यक्ष सज्जन झा,जदयू नेता सुरेन्द्र सिंह,अधिवक्ता प्रभात कुमार चौधरी आदि से संपर्क कर मंदिर में तालेबंदी करवायी।पुजारी राजू कुमार ने बताया कि ऐसा मंदिर में पहली बार हुआ है।दोपहर में शिवभक्त महिला पूजा करने आई थी। तभी कुछ महिलाओं ने चम्मच से नंदी को दूध पिलाने लगी। चम्मच से दूध ही खाली हो गया। इसके बाद तो नंदी के दूध पीने की घटना गांव के साथ आसपास में फैल गई। लोग कप व गिलास में दूध लेकर नंदी को पिलाने के लिए उमड़ पड़े।
आस्था ने अफवाह की बात नकार दी
पत्थर के नंदी को दूध पीने की घटना को कई लोग अफवाह मान रहे थे। इस मंदिर में आस्था के सैलाब ने तो सारी अफवाह को भी सही साबित कर दिया। जिनको शंका थी उसने भी दूध पिलाए और जब नंदी महाराज दूध पिए तो उसे भी विश्वास हुआ की नंदी महाराज दूध पी रहे हैं। कई लोग इसे अफवाह बताते रहे और कुछ साल पहले पूरे देश में गणेशजी के दूध पीने की घटना की याद दिलाते रहे। लोगों की आस्था ऐसी थी कि वे दूध पिलाने में जुटे थे।स्थानीय समाजसेवी सुरेन्द्र सिंह,सज्जन झा,विभूतिनाथ झा, बच्चा भगत, विमल कुमार झा, पूर्व मुखिया अरूण झा, जितेन्द्र कुमार आदि ने बङे ही उत्साह के साथ बताया कि नंदी बाबा जल्द ही हमलोगों को कोरोना वाइरस के खतरे से निजात दिलाएंगे। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा पदमाकर लाला की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma