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असुरक्षित हैं कोरोना वैरियर्स , सफाईकर्मियों क़ो नहीं दिए गए सुरक्षा के सामान


हिसुआ नगर पंचायत के कार्यरत सफाईकर्मी इस कोरोना वैश्विक महामारी में भी बिना मास्क , दस्ताने एवं जूते के कर रहे हैं नगर की सफाई 

सुनील कुमार/आलोक वर्मा की रिपोर्ट 
 
नवादा,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 30 अप्रैल,20 ) । कोरोना की इस वैश्विक महामारी में कोरोना वैरियर्स सफाईकर्मी के स्वास्थ सुरक्षा का क़ोई व्यवस्था विभागीय स्तर पर नहीं किया गया है , जिस कारण वे लोग अपने और अपने परिजनों के जान हथेली पर लेकर अपने कार्य में लगे हुए हैं । 
जी हां ! हम बात जिले के हिसुआ नगर पंचायत में सफाई कार्य में जूते सफाईकर्मी की कर रहे हैं । जो सुबह से शाम तक नगर क्षेत्रों की साफ -सफाई में लगे रहते हैं । 
कोरोना वायरस की जंग में सड़क पर उतरे इन सफाईकर्मियों क़ो विभागीय स्तर पर कोई सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराया गया है । 
गौरतलब हो कि हिसुआ से सटे एक गांव में विगत दिनों कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद तीन किलोमीटर की परिधि में पुरा हिसुआ नगर पंचायत क्षेत्र क़ो प्रशासन द्वारा सील कर दिया है । सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी क़ो लॉक डाउन के पालन कराने के लिए घरों में बंद कर दिया गया है । ऐसे में कोरोना जंग में सड़क पर असुरक्षित होकर सफाईकर्मी जब काम करते देखे जा रहे हैं तो विभागीय व्यवस्था का माखौल तो उड़ हीं रहा है साथ हीं नगरवासी खतरे से खाली नहीं है । 
#क्या कहते हैं सफाईकर्मी : नाम नहीं छापने के शर्त पर मजदूरों ने कहा कि हम अपनी मांग क़ो भी नहीं रख सकते , क्योंकि सीधा हमें काम छोड़ने की धमकी दिया जाता है । उन्होंने बताया कि इस कोरोना वैश्विक महामारी में लॉक डाउन के 37 दिन पुरा होने क़ो है । हम ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं । लेकिन विभागीय स्तर पर हमलोगों क़ो एक बार एक -एक पोशाक , मास्क और साबुन दिया गया था । उसके बाद से कोई सामग्रियां हमें उपलब्ध नहीं कराया गया । हमें सर्फ भी एक किलो के पैकेट क़ो खोलकर थोड़ा -थोड़ा दिया गया था । हमारे पास सफाई के लिए साधन -संसाधन की कमी है। रबर दस्ताने , लॉंग प्लास्टिक जूते , मास्क , सेनिटाईजर , साबुन , सर्फ समेत अन्य उपकरण की आवश्यकता है । उन्होंने कहा हम विभागीय स्तर के सभी क़ो अपनी मांग रखा बावजूद कोई असर नहीं पड़ा । आखिर पापी पेट का सवाल है हम जान जोखिम में डालकर सीमित साधन -संसाधन में हीं काम करने क़ो मजबूर हैं । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा आलोक वर्मा की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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