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कोरोना महामारी आपदा पीड़ितों को देश के हर जनपद को आधार मानकर सभी बाल काटने का काम करने वाले असंगठित कामगार मजदूरों को सरकार द्वारा आदेश जारी कर श्रम मंत्रालय ऐसे परिवारों पंजीकृत कर गुजारा भत्ता के रूप में 10000 रुपए दिया जाए : योगेश पाल सिंह


राजेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट 

बाल काटने वाले कारीगर रोजाना मजदूरी करने वाले के सामने विकराल संकट खड़ा हो गया है

पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 11 मई,20 )। रिसर्च एंटी करप्शन क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेश पाल सिंह ने एक ब्यान जारी करते हुऐ देश के प्रधानमंत्री से कहा है की कोरोना महामारी आपदा पीड़ितों को देश के हर जनपद को आधार मानकर सभी बाल काटने का काम करने वाले असंगठित कामगार मजदूरों को सरकार द्वारा आदेश जारी कर श्रम मंत्रालय ऐसे परिवारों पंजीकृत कर गुजारा भत्ता के रूप में 10000 रुपए दिया जाए । श्री पाल ने अपने ब्यान में कहा है की माननीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार संदर्भ स्थलों पर बाल काटने का कार्य करने वाले कारीगर असंगठित मजदूर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कुछ संख्या में किराए की दुकान लेकर उक्त दुकानों पर कारीगर मजदूर के रूप में कुछ सड़क पर कुर्सी लगाकर फेरी लगाकर लकड़ी टीम के खोके लगाकर यजमानी प्रथा के आधार एवं धार्मिक स्थलों पर अपना जीवन यापन करते हैं । कोरोना महामारी के कारण श्रम मंत्रालय को आदेश जारी करके ऐसे परिवारों को पंजीकृत कराएं जाने के संबंध में निवेदन करते है । जैसा की आपको विदित है कि कोरोना महामारी के कारण देश के सभी नागरिक विकराल से त्रस्त हैं । इस कोरोना महामारी के नियम सामाजिक दूरी 2 गज की दूरी मास्क आदि उपाय सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन जागरूक नागरिक कर रहे हैं एवं अन्य नागरिकों को प्रेरित भी कर रहे हैं तथा आपके माध्यम से कारगर कदम उठाए जा रहे इसके लिए हम आपके आभारी हैं साथ ही कहना है असंगठित मजदूर रोज कमाता रोज खाता जैसे क्रम मैं बाल काटने वाले कारीगर रोज के मजदूरों के लिए सामने विकराल संकट खड़ा हो गया है जैसा की कोरोना महामारी से बचाव व सुरक्षा के नियमों मैं मुख्यत , हाथ न मिलाना 2 गज की दूरी रखना आदि शामिल है ऐसी स्थिति में बाल काटने वाले कारीगर असंगठित मजदूरों जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर व शिक्षा का अभाव है और ये बाल काटने का कार्य बिना मानव शरीर को हाथ लगाए बगैर नहीं किया जा सकता तो ऐसी स्थिति ने सभी परिवारों को जीवन कोरोनावायरस महामारी के कारण अंधकार में मृत्यु समान भय व भूख के कगार पर आ गया है और भयभीत है की परिवार जनो के भविष्य का क्या होगा ऐसे विकराल संकट के समय इस वर्ग को सरकारी मदद की आवश्यकता है अतः आपसे प्रार्थना है कि कोरोना महामारी आपदा पीड़ितों को देश के हर जनपद को आधार मानकर सभी बाल काटने का काम करने वाले असंगठित कामगार मजदूरों को सरकार द्वारा आदेश जारी कर श्रम मंत्रालय ऐसे परिवारों पंजीकृत कर गुजारा भत्ता के रूप में 10000 रुपए दिया जाए और प्राथमिकता के आधार पर शिक्षा सुरक्षा व रोजगार के अवसर योजना बनाकर उपलब्ध कराई जाए । हम आप आभारी रहेंगे । रिसर्च एंटी करप्शन क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेश सिंह पाल ने उक्त जानकारी वाट्सएप पर दिया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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