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जीवन के 14वें वर्ष में 'शेर' को बिना अस्त्र-शस्त्र के मार गिराने वाला योद्धा थे पृथ्वीराज

हिन्दू सम्राट 'पृथ्वीराज चौहान' की जयंती पर 'न्याय मंच' ने लॉकडॉउन के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से याद किया।

'अखंड भारत' के अंतिम हिन्दू सम्राट थे पृथ्वीराज चौहान जिसने मोहम्मद गौरी को युद्ध मे 17 बार परास्त किया-न्याय मंच

युद्ध कौशल में पारंगत के अलावे कई भाषाओं के जानकर और 'शब्दभेदी बाण' में निपुण थे पृथ्वीराज -पवन राठौर

अनूप नारायण सिंह 

मिथिला हिन्दी न्यूज :-पटना,आज न्याय-मंच,बिहार के सदस्यों ने लॉकडॉउन के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिन्दू सम्राट 'पृथ्वीराज चौहान की जयंती पर उन्हें नमन और याद किया। न्याय मंच के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ कर पृथ्वीराज चौहान को याद करने वालों में मंच के संयोजक मनोज लाल दास 'मनु', संस्थापक सदस्य सह मीडिया संयोजक पवन राठौर, अधिवक्ता रवि प्रकाश, केशव पांडेय, डॉ. रजनीश रंजन, नीरज कुमार सिंह, प्रियरंजन सिंह 'सुमित' दीपक कुमार सिंह, अभिषेक कुमार सिंह, अभिमन्यु सिंह, ऋषि चौहान, अंकित सिंह निखिल सिंह, विशाल राज, नितेश यादव और अमित राय प्रमुख थे।
इस मौके पर मंच के संयोजक मनोज लाल दास 'मनु' ने कहा कि भारतीय इतिहास के वीर योद्धा के रूप में पृथ्वीराज चौहान को जाना जाता है और जब तक यह धरती रहेगी तब तक भारतीय इतिहास में पृथ्वीराज जैसे योद्धा का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा। आज हमसभी को भी ऐसे योद्धा से प्रेरणा लेनी चाहिए । 
       मंच के संस्थापक सदस्य सह मीडिया संयोजक पवन राठौर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पृथ्वीराज चौहान के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाल्यकाल से ही योद्धा और मेधावी के गुण पृथ्वीराज में दिखने लगे थे।
जीवन के चौदह वर्ष की उम्र में ही बिना किसी अस्त्र और शस्त्र के ही 'शेर' जैसे शक्तिशाली जानवर को अपने पंजों के बल मार गिराने वाले योद्धा थे पृथ्वीराज चौहान। आगे चलकर जब मोहम्मद गौरी के साथ 18 बार युद्ध हुआ तो उसमें पृथ्वीराज चौहान ने 17 बार मोहम्मद गौरी को हराया। इससे मालूम चलता है कि पृथ्वीराज चौहान युद्ध कौशल में पारंगत थे। आगे मंच के संस्थापक पवन राठौर ने कहा कि योद्धा और वीरता के अलावे कई भाषाओं के जानकार तो थे ही साथ ही साथ 'शब्दभेदी बाण' चलाने में भी निपुण थे। शब्द भेदी बाण से ही पृथ्वीराज ने मोहम्मद गौरी को उसके ही दरबार मे मार गिराया था और मारने के बाद खुद 'चौहान' ने भी अपने प्राण त्याग दिए। ऐसे वीर प्रतापी क्षत्रिय शिरोमणि जो 'अखंड भारत' का अंतिम हिन्दू सम्राट हुआ और भारत और भारतीय इतिहास जिसपर सदा गर्व करता रहेगा।
मंच के संस्थापक सदस्य प्रियरंजन सिंह 'सुमित' ने कहा कि ऐसे योद्धा विरले ही धरती पर पैदा लेते हैं।
अंत में मंच के संस्थापक सदस्य नीरज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में 'राजकवि चंद्रवरदाई' की वो प्रसिद्ध पंक्तियां जो पृथ्वीराज चौहान को शब्दभेदी बाण के समय सुनाई थी को सुनाते हुए सबों को स्मरण कराया।
     

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