समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 08 मई, 20 )। सरकार द्वारा रेलवे की सहायता से लॉक डाउन में घर से बाहर फंसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है । इसमें ट्रैक संचालन से जुड़े कर्मचारियों के लिए खास बात यह है कि ट्रेन जिन जिन स्थानों के ट्रैक से गुजरेगी वहां वहां ट्रेन में बैठे लोगों के द्वारा टॉयलेट उपयोग में लाया जाएगा, लोग निश्चित रूप से पेशाब करेंगे, गुटखा पान मसाला तंबाकू खाने वाले लोग यहां वहां थुकेंगे जो ट्रैक पर गिरेगा जिससे इनमें मौजूद व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने पर वहां के ट्रैक पर, ट्रैक के आसपास, स्टेशन पर रहने वालों में कोरोना संक्रमित होने की ज्यादा संभावना रहेगी। इसलिए ट्रेनों का ध्यान रखें, कब- कहाँ से गुजर रही है। क्योंकि लोगों और रेलवे को नहीं पता कि उसमें कौन कोरोना संक्रमित रोगी सफ़र कर रहा है। इसलिए सीनियर सेक्शन इंजीनियर, मेठ आदि प्रयत्न करें कि ट्रेन गुजरने के 14 से 16 घंटे बाद तक ट्रैक पर कोई कार्य न करवाएं। जिससे इस अवधि में वायरस का संक्रमण स्वतः ही समाप्त हो जाएगा या बहुत कम हो जाएगा। इसके बाद भी बहुत जरूरी होने पर ही क्षेत्र को सैनिटाइज करवा कर ही उस जगह पर काम करवाया जाए। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सुमन सौरभ सिन्हा की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma