नहीं मिलेगा कर्मचारियों को 2 महीने का वेतन
करोड़ों रुपये हैं किसानों का भी बकाया, किसानों में भी भय एवं रोष
11/5/2020
(मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय)
सीतामढ़ी/कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी तथा लॉक डाउन से उत्पन्न स्थिति के कारण लोग अभी उबर नहीं पा रहे हैं. इसी बीच जिले का मात्र एक उद्योग रीगा चीनी मिल ने 2 महीने के लिए अपने लगभग 600 कर्मचारियों को कार्य करने से वंचित कर घर बैठने का आदेश जारी कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम तक सभी कर्मचारी अपने कार्य अवधि तक कार्य कर शाम छुट्टी के बाद घर चले गए. वहीं जब सोमवार सुबह अपने कार्य पर उपस्थित होने आए तो पता चला कि सभी कर्मचारियों को दो महीने यानी कि 11.5.2020 से 11.7.2020 तक कार्य करने से मुक्त कर दिया गया है और दो महीने तक का वेतन भी नही दिया जाएगा. इससे कर्मचारियों में रोष एवं भय व्याप्त है. सभी के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न होने की स्थिति बन गई है. सरकार द्वारा वर्तमान विकट परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्देश जारी किया गया था कि लॉक डाउन के अवधि में कोइ भी कंपनी अपने मजदूर को ना तो कार्य मुक्त कर सकते हैं और ना ही किसी का वेतन कटौती कर सकते हैं लेकिन सरकार के इस आदेश का अनुपालन नही करते हुए रीगा चीनी मिल प्रबंधन ने अपने लगभग 600 कर्मचारियों को घर बिठाने का निश्चिय कर लिया है. मालूम हो कि रीगा चीनी मिल मे दो मजदूर यूनियन कार्यरत है लेकिन किसी भी यूनियन के साथ किसी प्रकार के वार्ता करने से प्रबंधन ने साफ इंकार कर दिया है. यहां तक कि किसी भी मीडियाकर्मियों को भी अन्दर प्रवेश नही करने दिया गया है और ना ही स्थानीय प्रशासन को अन्दर प्रवेश करने दिया गया है. बता दें कि यहां कर्मचारी एवं किसान दोनों में भय व्याप्त है. रीगा चीनी मिल मजदूर महासभा के महामंत्री अशोक कुमार सिंह ने बताया कि हमलोगों के साथ प्रबंधन नाइंसाफी कर रही है .किसी प्रकार की कोइ सूचना दिए बगैर अपनी बादशाहत कायम करते हुए सभी कर्मचारियों को घर बिठा दिया गया है. महामंत्री ने बताया कि पहले से भूखमरी की समस्य कर्मचारी झेल ही रहे हैं. कर्मचारियों के वेतन वृद्धि, बोनस, रिटेनिंग, ओवरटाइम, एवं अप्रैल माह का वेतन दिए बगैर ही सभी को घर बिठा दिया गया है. चार साल पूर्व के ही वेतनवृद्धि का पैसा प्रबंधन के द्वारा अभी तक नहीं दिया गया है. वहीं रीगा चीनी मिल वर्कर्स यूनियन के महामंत्री मनोज कुमार ने बताया कि हमलोग सरकार से मांग करते हैं कि इस विकट समस्या का समाधान जल्द से जल्द करें नहीं तो हमलोग भूख हड़ताल करने पर विवश हो जाएंगे. मनोज कुमार ने कहा कि सभी कर्मचारीयों के साथ पहले से ही भूखमरी की समस्या है सभी प्रकार का भुगतान प्रबंधन द्वारा रोक दिया गया है. ना ही समय पर वेतन दिया जाता है और ना ही लंबित वेतनवृद्धि का पैसा दिया जाता है बार बार कहने पर भी कोई सुनवाई प्रबंधन के द्वारा नही किया जाता है उन्होंने प्रबंधन पर यह भी आरोप लगाया कि सीजन 2018-19 का रिटेनिंग भी कर्मचारियों का लंबित है जिसका भुगतान प्रबंधन द्वारा निर्धारित समय पर नही किया गया है. बता दें कि तीन जिला मुजफ्फरपुर, शिवहर एवं सीतामढ़ी के बीच मात्र एक उद्योग रीगा चीनी मिल है जिससे सभी किसान और कर्मचारी खुशहाल रहते है लेकिन ऐसी स्थिति को लेकर सभी में भय का माहौल कायम हो गया है.
Published by- Vimal Kishor Singh