विश्व सर्वहारा क्रांति के नायक कॉ० कार्लमार्क्स के जीवनी पर प्रकाश डाला और उनके तस्वीर पर माल्यापर्ण कर उनके सिद्धांत को मजबूती प्रदान करने का संकल्प लिए। घोषणा के मुताबिक शासन-प्रशासन आम लोगों को सुविधा मुहैया करने में लापरवाही बरत रहे है।*
जयनगर में राज्यव्यापी आंदोलन के तहत और विश्व सर्वहारा क्रांति के नायक कॉ० कार्लमार्क्स के 202वीं जन्म दिवस पर भाकपा(माले) जयनगर के द्वारा जयनगर बस्ती राजपूताना टोला में फिजिकल डिस्टेंस के साथ 8 सूत्री मांग को लेकर धरना दिया गया।
धरना स्थल पर कामरेड कार्ल मार्क्स के तस्वीर पर माल्यार्पण कर उनके जीवनी पर प्रकाश डाला गया और उनके सिद्धांतों को मजबूती से लागू करने का संकल्प लिए।
इस धरना में मुख्य मांगे सभी मजदूरों को ₹10000 गुजारा भत्ता दे और काम की गारंटी करें, प्रधानमंत्री केयर फंड से सभी मजदूरों को कुशल घर पहुंचाने की व्यवस्था करें, लॉक डाउन के दौरान मरने वाले मजदूरों को प्रधानमंत्री केयर फंड से उनके परिजनों को 20 लाख रुपैया मुआवजा दें, बिना राशन कार्ड धारी वाले सहित सभी मजदूरों परिवारों को 3 महीना का राशन दें, आम लोगों पर बेवजह हो रहे पुलिसिया दमन पर रोक लगा वें,सभी क्वारंटाइन सेंटर पर पीड़ित लोगों का जांच खाना और रहने का उचित व्यवस्था करें, शहरी क्षेत्र सहित सभी ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइज करने की व्यवस्था अविलंब करें, राशन कार्ड धारियों को दिए जा रहे राशन तथा राहत में बढ़ते जा रहे अनियमितता पर अविलंब रोक लगाने की मांग सामिल है।
इस सभा को संबोधित करते हुए प्रखंड सचिव भूषण सिंह ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को जागरूकता किया गया, और कॉमरेड कार्ल मार्क्स के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वह भी सर्वहारा क्रांति व विज्ञानिक समाजवाद के रचयिता थे, जो पूरे दुनिया के मजदूरों को हक अधिकार के लिए उन्होंने कई लेख लिखे हैं जो आज पूरे दुनिया में सभी मजदूर बुद्धिजीवी के बीचो में में जीवित है। तथा कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए लॉक डाउन से प्रभावित लोगों को राहत मुहैया करने की बात कहा गया। लेकिन इस बातों से शासन-प्रशासन दोनों पीछे हट गए हैं, और जरूरतमंद लोग राशन खरीदने जाते हैं तो पुलिस के द्वारा लाठी बरसाया जाता है। और राशन मिल रहे कार्ड धारियों को भी उचित राशन और राहत मुहैया करने में अनियमितता बढ़ता जा रहा है. प्रशासन इस बातों पर नियंत्रण करने के बदले अनभिज्ञ रहते हैं, बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में खाना जांच और रहने का उचित प्रबंध भी नहीं है, जिसके कारण पीड़ित लोग विचलित हो रहे हैं और बोझ समझकर प्रशासन के द्वारा उक्त लोगों को भगाया जा रहा है। यह संकट की घड़ी में शासन प्रशासन को आम लोगों को सहयोग करने चाहिए लेकिन अभी भी दमनकारी सोच बरकरार है।
इस सभा को चलितर पासवान, मो० मुस्तफा, श्रवण पासवान, रामचंद्र यादव, अरुण राय, केवल मंडल, लक्ष्मी राम ने संबोधित किए।