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कोरोना-संक्रमण को लेकर जहाँ पूरा समाज और पूरा विश्व अपने-अपने घर में दुबका है और हरेक आने-जाने वालों के साथ एक शारीरिक-दूरी बनाकर खुद की जिंदगी को सुरक्षित और संरक्षित रखने को आमादा है


वहीं कुछ ऐसे सामाजिक- योद्धा हैं, जिन्होंने अपनी लगन और अपनी सेवा भावना से मानवीय-मूल्यों को जिस प्रकार सहेजने का काम किया है, वह काबिले-तारिफ है ।



यह अपने -आप में एक मिसाल बयान करती है l

मिथिला हिन्दी न्यूज टीम 

पटना/दरभंगा/बेगूसराय/समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 05 मई,20 )। कोरोना-संक्रमण को लेकर जहाँ पूरा समाज और पूरा विश्व अपने-अपने घर में दुबका है और हरेक आने-जाने वालों के साथ एक शारीरिक-दूरी बनाकर खुद की जिंदगी को सुरक्षित और संरक्षित रखने को आमादा है, वहीं कुछ ऐसे सामाजिक- योद्धा हैं, जिन्होंने अपनी लगन और अपनी सेवा भावना से मानवीय-मूल्यों को जिस प्रकार सहेजने का काम किया है, वह काबिले-तारिफ है l
बेगूसराय (बिहार) के सकरपुरा (बखरी) निवासी #रजनीकांत_पाठक एक ऐसे ही व्यक्ति हैं जिन्होंने ना सिर्फ इस संकट की घड़ी में तन मन और धन से खुद को जोड़ा, बल्कि कई लोगों के प्रेरणा स्रोत भी बने #बेगूसराय_का_बेटा नाम से जो अभियान इन्होंने #विष्णु_पाठक #भूमिपाल_राय, #प्रवीण_झा #प्रभाकर_राय सहित अपनी मित्र -मंडली के आत्मीय जनों के साथ आरंभ किया, वह कुछ ही दिनों में #बेगूसराय #समस्तीपुर #दरभंगा #मधुबनी के साथ साथ #पटना और #दिल्ली तक फैल गई l दर्जनों कर्मठ युवाओं ने Rajnikant Pathak को अपना आदर्श माना और बिना थके, बिना रुके अब तक चालीस दिनों पूरे किये, यह अपने -आप में एक मिसाल बयान करती है ।
रजनीकांत पाठक का मृदुल-स्वभाव और सहजता इन्हें औरों से अलग करती है एक छोटे-बच्चे से लेकर समाज और देश की राजनीति के दिग्गजों के साथ भी इनका मैत्रीपूर्ण- संबंध इनके हृदय की उष्मा और बौद्धिक-उत्कर्ष समान-व्याख्या करती है ।
सीता-राम के अनन्य- भक्त के साथ इनकी एकात्मकता देखते ही मिलती है, जब ये भाव- विभोर कर देने वाली संगीत की लहरियों को छेड़ते हैं l अपने कलात्मक- रुचियों के कारण ही समसामयिक विषयों पर फिल्मों की रूप रेखा इन्हें अपनी मिट्टी के जुड़ाव का प्रमाण देती है । बहु-चर्चित #मैथिली_फिल्म "#लव_यू_दुल्हिन" को देखकर ही रजनीकान्त पाठक की चिंतनशीलता का दर्शन-बोध होता है ।
#दरभंगा_संसदीय_क्षेत्र से #एमएलसी के जनप्रिय #उम्मीदवार श्री रजनीकान्त पाठक जी सिर्फ मिथिला ही नहीं अपितु बिहार की शान हैं, जिनके शक्ति-संवर्धन से यह राज्य एक नवीन परि भाषा लिखने को उद्द्यत है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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