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पौराणिक साहित्य और धर्मग्रंथ से नाता जोड़िए- जय शंकर झा

अमित कुमार यादव (समस्तीपुर) 


मिथिला हिन्दी न्यूज :- स्थानीय जी एम आर डी कॉलेज, मोहनपुर, समस्तीपुर में रविवार को संस्कृत विभाग के तत्वावधान में दूसरा वेब लेक्चर,"कोविड-19 काल में प्राचीन भारतीय प्रज्ञा की प्रासंगिकता" विषय पर आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य सह चेयरमैन डॉ घनश्याम राय ने करते हुए सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और मुख्य वक्ता डॉ जयशंकर झा का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि डॉ झा प्राचीन भारतीय प्रज्ञा के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान हैं। दर्जनों पुस्तकें,उपाधि,प्रशस्तिपत्र, सम्मान आदि प्राप्त कर चुके हैं।डॉ झा ने कोविड 19 काल में प्राचीन भारतीय ज्ञान की प्रासंगिकता पर एक घंटा दस मिनट तक बोलते हुए कहा कि पौराणिक साहित्य प्रकाश स्तंभ है। उन्होंने कहा कि आज लोग अवसाद से ज्यादा पीड़ित होते जा रहें हैं। इसीलिए आत्मबल को बनाए रखने के साथ- साथ वेदों, पुरानों, उपनिषदों की अध्ययन की जरूरत है। वैज्ञानिक युग में कोविड-19 से लड़ने में सबसे बड़ी बात यह कही कि फिर से वेदों की ओर लौट चलो,ज्यादा सारर्गभित है। धर्मग्रंथ से नाता जोड़िए। आत्मसंयम और यौग क्रिया के माध्यम से हम अपना इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ा सकते हैं। कई भागीदारों ने सवाल पूछे जिसका जबाव डॉ झा के द्वारा दिया गया। जगदीश शिरा हरियाणा, सुमन कटारिया दिल्ली, राजेश्वर झा भूवनेश्वर, रूना आनंद मध्यप्रदेश, शोनिका शर्मा पश्चिम बंगाल, मोनालिसा बाड़ीपदा, फातिमा केरल, प्रीति गुजरात से उपस्थित थी। पचहत्तर लोगों ने बेव लेक्चर में सक्रिय भाग लिया और ढ़ाई घंटों तक चले कार्यक्रम में सक्रिय रहे। 
डॉ प्रयुक्तमा ने उन्तीस मई को जूलोजी विभाग द्वारा आयोजित होने जा रहे बेवीनार सेमिनार की जानकारी दी। बेव लेक्चर में छात्रों ने भी भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग के उपाचार्य प्रोफेसर रामागर प्रसाद ने किया।

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