1993 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया । तब से हर साल 3 मई को यह दिन मनाया जाता है ।
शाहपुर पटोरी/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 03 मई,20 ) । अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 03 मई को मनाया जाता है । भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक जरूरत है । भारत में अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर चर्चा होती रहती है । 03 मई को मनाए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारत में भी प्रेस की स्वतंत्रता पर बातचीत होना लाजिमी है. प्रेस की आजादी से यह बात साबित होती है कि उस देश में अभिव्यक्ति की कितनी स्वतंत्रता है.पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के उद्देश्यों में प्रकाशनों की कांट-छांट, उन पर जुर्माना लगाना, प्रकाशन को निलंबित कर देना और बंद कर देना आदि शामिल है.साल 1991 में अफ्रीका के पत्रकारों ने प्रेस की आजादी के लिए एक छोटी सी शुरुआत की । जिसके बाद तीन मई को प्रेस की आजादी के सिद्धांतों से संबंधित एक बयान जारी किया था जिसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से जाना जाता है. उसकी दूसरी जयंती के अवसर पर 1993 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया. तब से हर साल 3 मई को यह दिन मनाया जाता है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अमित कुमार यादव की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar Verma