मजदूरों के बीच भूखमरी की भारी समस्या
20 मई 2020
विमल किशोर सिंह
सीतामढ़ी/रीगा चीनी मिल में ताला लटके हुए आज दस दिन हो गए. रीगा चीनी मिल में मजदूरों के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा हुआ है. ऐसे में मजदूरों में भारी आक्रोश व्याप्त है.मजदूर विवश एवं लाचार हैं. रीगा मिल मजदूर महासभा के महासचिव अशोक कुमार सिंह ने बताया कि चीनी मिल प्रबंधन को 13 मई को उप श्रमायुक्त के साथ बैठक वार्ता में यह निर्देश जारी किया गया था कि 18 मई तक अपना पक्ष प्रस्तुत करें कि आप किस आधार पर कर्मचारियों को कार्य करने से मुक्त किया गया है. परन्तु मिल प्रबंधन के द्वारा किसी तरह की कोई सूचना श्रमिकों एवं उप श्रमायुक्त को नही दी गई है, अब हमलोगों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है हम सभी मजदूर एक हैं और सभी मजदूरों के साथ अनशन पर बैठेंगे जिसकी सूचना दोनों यूनियन के द्वारा बिहार सरकार के वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है. वहीं रीगा चीनी मिल वर्कर्स यूनियन के महामंत्री मनोज कुमार ने बताया कि ना ही हमलोगों का पैसा चीनी मिल दे रही है और ना ही काम करने की इजाजत दे रही है. ऐसे में हमारा मजदूर विवश एवं लाचार है. उन्होंने बताया कि प्रबंधन के द्वारा दवा लेने भी फैक्ट्री के अंदर अस्पताल में नही जाने दिया जा रहा है जो मानवता के खिलाफ है. वहीं अध्यक्ष राम नंदन ठाकुर ने बताया कि चीनी मिल अपनी तालिबानी रवैए पर कायम है हमलोगों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है. मजदूर चंदन कुमार सिंह ने बताया कि हमलोगों के सामने तो अब भूखमरी की समस्या उत्पन्न होने लगी है. अब हम लोग सब्जी बेचने पर एवं फल बेचने पर मजबूर हैं. दूसरा कोई उपाय अब दिखाई नहीं दे रहा है पारिवारिक भरण पोषण के लिए कुछ करना जरूरी हो गया है.
Published by- vimal kishor singh