( मिथिला हिन्दी न्यूज) खानपुर प्रखंड के नत्थूद्वार गांव निवासी, स्वर्गीय चंद्र भूषण झा के छोटे पुत्र व स्वामी विवेकानंद युवा क्लब के सचिव व पर्यावरण प्रेमी त्रिपुरारी झा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस शोध के लिए अपने शरीर को दान करने की इच्छा जताई है। इसको लेकर उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। अपने इच्छा पत्र में त्रिपुरारी झा ने कहा कि कोरोना वायरस दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और इस जानलेवा वायरस की अभी तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं बन पायी है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत देश लॉकडाउन में है करोड़ों लोग अपने घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हैं। लोग यह उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए दवा या वैक्सीन तैयार हो सके, ताकि लोग फिर से एक साधारण जिंदगी में लौट सकें। त्रिपुरारी झा ने कहा कि मैं अपना शरीर कोरोना शोध के लिए दान कर अपने आप को भाग्यशाली इंसान समझूंगा। मेरे दान किए हुए शरीर पर वैज्ञानिक कोरोना पर शोध कर के दवा या वैक्सीन जल्द तैयार कर सकेंगे ताकि लोगों को कोरोना वायरस का समुचित इलाज हो सके एवं संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सके। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि नर सेवा, नारायण सेवा है, तन समर्पित मन समर्पित, है ये जीवन समर्पित इस भारत मां के लिए। काश मेरे जिंदगी में सरहर की कोई शाम आए, काश मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आए, न रबाब है मौत की, न आरजू है जन्नत की, मगर कभी जिक्र हो शहीदों का, तो काश मेरा भी नाम आए। उन्होंने कहा कि मेरा एक ही तमन्ना है कि मैं मरू तो इस वतन के लिए और जियूँ तो तो इस वतन के लिए। आपको बता दें कि त्रिपुरारी झा एक निम्न वर्गीय परिवार से आते हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में एवं सामाजिक क्षेत्र में अग्रसर भूमिका का निर्वहन करते हैं। उनके कार्यों को देख लोग इनके कायल हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार पा चुके त्रिपुरारी झा ने बताया कि समाजिक कार्यों का प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिला।