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सरकार जनतांत्रिक स्वरूप का परिचय देकर हड़ताल समाप्ति की दिशा में पहल करे : संघ


शिक्षा विभाग अपने अपने नाकामियों पर पर्दा डालने का काम कर रही है : सिद्धार्थ शंकर

सुदर्शन कुमार की रिपोर्ट 

समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 04 मई,20 )। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडे एवं महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि सरकार द्वारा लगातार बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से मांग के प्रति अनसुना रवैया अपना रही है। माननीय शिक्षा मंत्री मीडिया के माध्यम से शिक्षकों से हड़ताल से वापस आने की बात कह रहे हैं। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग अपने अपने नाकामियों पर पर्दा डालने का काम कर रही है । संघ का कहना है कि विगत 5 वर्षों से सेवाशर्त जारी करने के लिखित आश्वासन देने के बावजूद भी अभी तक पूरी क्यों नहीं की है। पंचायती राज व्यवस्था से अलग करने का वादा सरकार ने ही दिया था। सरकार के इस वादे का भी कार्यान्वयन आज तक नहीं हो पाया। शिक्षक संघ ने स्पष्ट कहा कि हमारी कई मांगे तो गैर वित्तीय भी है,आखिर उन मांगों को मानने में सरकार को क्या कठिनाई है। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि सरकार शिक्षकों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देना ही नहीं चाहती है। वह सिर्फ दिखावा करना चाहती है जो किसी तरह से शिक्षक हड़ताल से वापस आ जाएं।
 इस आशय की जानकारी देते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्य सह युवा नेता सिद्धार्थ शंकर ने संघ के हवाले से बताया कि जब तक सरकार के द्वारा संघ से सम्मानजनक तरीके से वार्ता के जरिए पहल नहीं की जाएगी और सारी दमनात्मक कार्रवाई वापस, हड़ताल अवधि का सामंजन करते हुए भुगतान की व्यवस्था नहीं की जाएगी, तब तक शिक्षकों के हड़ताल पर से वापस आने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। इस वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव हेतु केंद्र सरकार के द्वारा लॉकडाउन 3 का ऐलान किया गया है परंतु हम सरकार से अपील करना चाहते हैं कि वे वार्ता द्वारा हड़ताल जनित समस्या का समाधान अविलंब तलाशी शिक्षक मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों का लगातार निर्वहन करते हुए जागरूकता अभियान ग्रामीण इलाकों में सैनिटाइजर ,मास्क ,साबुन आदि का वितरण दैहिक दूरी बनाकर कर रहे हैं। श्री शंकर ने बताया कि सरकार से अपेक्षा है कि इन हड़ताली शिक्षकों के वर्षों से लंबित मांग पर अविलंब विचार करते हुए सरकार अपने लोकतांत्रिक एवं जनतांत्रिक स्वरुप का परिचय देते हुए सम्मानजनक वार्ता संघ/संगठनों से करके इसका भी निदान निकाले। सरकार का भी दायित्व है कि इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए कि सरकार मानवता के व्यापक हित हड़ताल समाप्त कराने की दिशा में सकारात्मक पहल करें। साथ ही उन्होंने सभी आंदोलकारी शिक्षक साथियों से अपील की कि अपनी चट्टानी एकता को मजबूती देते हुए आंदोलनरत रहें। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सुदर्शन कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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