बेगूसराय/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 02 मई,20 ) ।
आओ ! हम सब मिल पुनः स्वच्छ नवभारत निर्माण करें ,
त्याग -तपस्या संतों से पूजित इस देश का गौरवगान करें ।
सदियों से है सब देशों से अग्रगण्य हमारा भारत -
वीरों की विरासत भूमि सत्य परायण हों हम सम्मान करें,
आओ ! हम सब मिल..........
पुरातन काल से अग्रगण्य शिक्षा क्षेत्र विश्व को शिक्षा देते आया,
चीनी यात्री ह्वेनसांग और फाहियान ने भी गौरव गाथा गया,
वर्ग -विभेद जाती -पाती आतंकवाद से हम देश को ना बर्बाद करें,
बिक गये काशी में राजा हरिश्चन्द्र उनके
सत्य का हमसब मान करें ,
आओ !हम सब मिल.......
यहाँ की ऋतुएँ हैँ लुभाने बाली विश्व की ऋतुएँ से भी निराली ,
सर्दी -गर्मी वर्षा -पतझड़ रूपी बसन्त से है प्रकृति अलबेली ,
छह ऋतुओं का संगम यहाँ हरा भरा क्षेत्र विस्तृत मैदान न्यारी ,
सदाचार -अध्यात्म की पूंजी हैँ आपस में लड़कर ना अपमान करें.,
आओ !हम सब मिल.......
मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने पिता की वचन मान शौर्य दिखाया ,
राज्याभिषेक छोड़ बल्कि वस्त्र धारण कर बन बन बिचर आया,
दुष्ट राक्षस राजा रावण से मुक्त अधर्म अनीति से किया उद्धार ,
राम -राज्य की कल्पना बापू की सपना पुरा कर फूकों इसमें जान,
आओ ! हम सब मिल........
युधिष्ठिर -अर्जुन -भीमसेन की नहीं है अब जरुरत देश को ,
केवल कृष्णा नीति से काम चलाना रह गया है अब विदेश को,
प्रमोद बिगुल फुंकना ही अब बाकी है शठ को सुधारने में
देर है अब किस बात पर आर -पार की लड़ाई से करो कल्याण,
आओ ! हम सब मिल.......
कब तक देश गद्दारों खजाना लूटने बालों से डरता रहेगा,
कब तक भारत का अभ्युदय होगा कब तक तड़पता रहेगा,
उठो वीर नवजवानों ! फूक दो जवानी को चलाओ तीर कमान,
अब्दुल कलाम बैज्ञानिक की विधि से अब कर लो अनुसन्धान,
आओ ! हम सब मिलकर भारत नवनिर्माण करें ।
समस्तीपुर कार्यालय से प्रमोद कुमार सिन्हा की मूल कविता को प्रकाशन हेतू सम्प्रेषित किया । Published by Rajesh kumar verma