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न्यूज़ पेपर्स का पीडीएफ भेजने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी यह कहां का न्याय है : कवि विक्रम क्रांतिकारी


राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रस्तुत

इसलिए पहले अखबार कोर्ट से आदेश लेकर आए हम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे

पिछले दिन से ऐसा सुनने में आया है कि अगर न्यूज़ पेपर्स की पीडीएफ ग्रुप में भेजा जाता है तो कानूनी कार्रवाई होगी एडमिन पर यह कब सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया और क्यों देगा..?? दोस्तों दैनिक भास्कर यदि कार्यवाही करता है तो दैनिक भास्कर को ये जवाब देना पड़ेगा

दैनिक भास्कर खुद पब्लिक को पीडीएफ डाउनलोड करने की अनुमती देता है जिसकी वह कीमत नहीं लेता 

यदि वह कीमत देकर अखबार को डाउनलोड करने की अनुमती देता तो वह कदम उठा सकता था

दैनिक भास्कर कहता है कि अखबार की पीडीएफ शेयर करना गैर कानूनी है लेकिन किसी भी ग्रुप मे अखबार देना गैर कानूनी तब ही हो सकता है जब आप उस अखबार को ग्रुप मे भेजने के लिए शुल्क ले रहे हो और हमारा ग्रुप का कोई admin अखबार का शुल्क नहीं लेता और जो पेमेंट ग्रुप चला भी रहे हैं वो डाटा का शुल्क लेते हैं

कोविड 19 से उपजी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हम सभी अपने घरों में बंद हैं ।

नई दिल्ली, भारत ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 02 मई, 20 ) । आज कोविड 19 से उपजी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हम सभी अपने घरों में बंद हैं वैसे भी मैं पिछले 3 वर्षों से देश के कोने -कोने हर एक छोटे गांव -गांव तक सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञान का दीप जला रहा हूं लोगों को व्हाट्सएप के माध्यम से मैं रोजाना न्यूज़ पेपर से लेकर क्लास नोट्स का पीडीएफ सब कुछ मैं निशुल्क देता हूं ताकि समाज में जागरूकता आए और जो वंचित हैं उनके तक भी ज्ञान का दीप जल सके वही दूसरी तरफ सुनने मे आ रहा है कि न्यूज़ पेपर्स का पीडीएफ भेजने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी यह कहां का न्याय है दोस्तों पिछले दिन ऐसा सुनने में आया है कि अगर न्यूज़ पेपर्स ग्रुप में भेजा जाता है तो कानूनी कार्रवाई होगी एडमिन पर यह कब सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया और क्यों देगा..?? दोस्तों दैनिक भास्कर यदि कार्यवाही करता है तो दैनिक भास्कर को ये जवाब देना पड़ेगा ।
दैनिक भास्कर खुद पब्लिक को पीडीएफ डाउनलोड करने की अनुमती देता है जिसकी वह कीमत नहीं लेता यदि वह कीमत देकर अखबार को डाउनलोड करने की अनुमती देता तो वह कदम उठा सकता था ।
दैनिक भास्कर कहता है कि अखबार की पीडीएफ शेयर करना गैर कानूनी है । लेकिन किसी भी ग्रुप मे अखबार देना गैर कानूनी तब ही हो सकता है जब आप उस अखबार को ग्रुप मे भेजने के लिए शुल्क ले रहे हो और हमारा ग्रुप का कोई admin अखबार का शुल्क नहीं लेता और जो पेमेंट ग्रुप चला भी रहे हैं वो डाटा का शुल्क लेते हैं
दैनिक भास्कर के अनुसार कानूनी कार्रवाई होगी लेकिन बात यदि कापीराइट एक्ट की है तो व्हाट्सएप को खुद यह कदम उठाना चाहिए क्योंकि दोस्तों व्हाट्सएप इसकी अनुमती खुद देता है और व्हाट्सएप इसके लिए मना नहीं करता जैसे यूट्यूब करता है । युट्यूब पर किसी को वीडियो अपलोड करने के बाद यूट्यूब उस पर कानूनी कार्रवाई नहीं बल्कि कापीराइट स्ट्राइक य़ा क्लेम के आधार पर वीडियो को हटा देता है जबकि व्हाट्सएप ऐसा कोई कदम नहीं लेता व्हाट्सएप को खुद कार्यवाही करनी चाहिए ।
 *किसी भी अखबार ने ना ही कोर्ट से अनुमती ली है ना ही ही कोर्ट का ऐसा आदेश है
 *अखबार किसी की निजी संपत्ति नहीं है यदि है तो वह खुद इसे डाउनलोड करने की अनुमती देता है जिसे स्वयं उसे बंद करना होगा
*इसलिए पहले अखबार कोर्ट से आदेश लेकर आए हम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे*
*और ये शिक्षा समुह है कोई व्यापार का नहीं जानकारी के लिए डाटा भेजा जाता है निजी लाभ के लिए नहीं हमे जरूरत है । मैं पिछले कुछ वर्षों से निशुल्क शिक्षा दे रहा हूं उन वंचित लोगों का क्या होगा? आखिर कैसे जो दूरदराज गांव में बैठे हैं और आज तो वैसे भी लॉक डाउन में लोग अखबार का हार्ड कॉपी नहीं लेना चाहते हैं तो फिर उनका क्या होगा । कवि विक्रम क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया-अंतरराष्ट्रीय चिंतक व शिक्षाविद) दिल्ली विश्वविद्यालय  की आलेख । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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