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कोरोना काल में भी परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों को घर-घर पहुंचा रही है आशा


• डोर टू डोर सर्वे या होम विजिट के दौरान परिवार नियोजन के प्रति दे रही है जागरूकता का संदेश

• प्रवासी मजदूरों को दिया जा रहा है परिवार नियोजन की जानकारी

राजीव रंजन कुमार की रिपोर्ट 

सीवान,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 08 मई,20 )। कोरोनावायरस काल में भी आशा कार्यकर्ता प्रवासी मजदूरों व लक्षित समूहों के बीच परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों को घर-घर पहुंचा रही है तथा लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से घर आए प्रवासियों को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक भी कर रही हैं। डोर टू डोर सर्वे के दौरान वे लक्षित समूहों के बीच परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का वितरण किया जा रहा है। जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से कृत संकल्पित है और इस कोरोना वायरस संक्रमण के बीच भी ऐसे महत्वपूर्ण अभियान को संचालित किया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने में सबसे बड़ी भूमिका आशा कार्यकर्ता निभा रही है। लॉक डाउन के दौरान काफी संख्या में प्रवासी अपने अपने घर को लौट आए हैं । इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार नियोजन सेवाओं को संचालित करने का निर्देश दिया गया था। 

अस्थायी साधनों का वितरण: 

केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक आनंद कुमार ने बताया कि स्टरलाइजेशन छोड़कर अन्य सभी सुविधाएं पूर्व की तरह दी जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर प्रवासी मजदूरों व महिलाओं के बीच माला-एन, छाया, इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स, कंडोम इत्यादि अस्थाई साधनों का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एमपीए की सुविधा स्वास्थ केंद्रों पर उपलब्ध है। साथ ही सदर अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाए गए कंडोम बॉक्स के माध्यम से नि: शुल्क कंडोम का वितरण किया जा रहा है। 

आरोग्य दिवस पर भी परिवार नियोजन की मिल रहे सुविधाएं: 

केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक आनंद कुमार ने बताया कि डोर टू डोर विजिट के अलावें अरोग्य दिवस के दिन टीकाकरण स्थल पर आनेवाली गर्भवती महिलाओं को परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है। साथ ही आवश्यकता अनुसार परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों का वितरण भी किया जा रहा है। इसके लिए एएनएम व आशा कार्यकर्ता को जरूरी साधन उपलब्ध कराए गए है। 

दी जा रही है ये जानकारी: 

•विवाह के सही उम्र, लड़के के 21 एंव लड़की की 18 वर्ष
•शादी के बाद कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा
•पहले एंव दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतराल
•छोटा परिवार एंव समिति परिवार के लाभ
•परिवार नियोजन के स्थाई एंव अस्थाई साधन के बारे में जानकारी

कोरोना वायरस के प्रति जागरूक: 

आशा कार्यकर्ताओं व एएनएम द्वारा टीकाकरण स्थल पर बच्चों लेकर आनेवाले व गर्भवती महिलाओं तथा उनके साथ आने वाले परिवार के सदस्यों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है तथा सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन भी कराया जा रहा है। सभी को नियमित हाथों की धुलाई, मास्क का उपयोग व एक दूसरे से 1 मीटर की दूरी बनाकर रहने की सलाह दी जा रही है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा राजीव रंजन कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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