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विद्युत विभाग के अमानवीय नीति के खिलाफ फ्रेंचाइजी कामगार संघ ने बजाया बिगुल

 Rajesh kumar verma

पूरे राज्य में राजस्व संग्रहण का कार्य ठप

मुख्यमंत्री,उर्जामंत्री सहित विद्युत विभाग के वरीय पदाधिकारियों को लिखा पत्र*

विद्युत विभाग से लाॅकडाउन अवधि के भत्ते सहित अन्य पाँच मांगों का पत्र प्रधानमंत्री से जिला पदाधिकारी तक को ईमेल से भेजा

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 04 मई,20 )। विद्युत विभाग में कार्यरत आरआरएफ यानि फ्रेंचाइजी कर्मीयों के संघ ने इस कोरोना महामारी के वजह से लगाए गए लाॅकडाउन में विद्युत विभाग के मुख्यालय स्तर के पदाधिकारियों के अमानवीय व्यवहार के कारण दिनांक 23 अप्रैल 2020 से कार्यबंदी कर दिया है। बताते चलें कि जनता कर्फ्यू के बाद प्रधानमंत्री के आदेश पर 22 मार्च 2020 से विद्युत बिल विपत्रीकरण और राजस्व वसूली का कार्य बंद था।दिनांक 22 अप्रैल 2020 को विद्युत विभाग की दोनो अनुषंगी कम्पनियों के महाप्रबंधक राजस्व ने अपने पत्रों से सम्पूर्ण बिहार के विद्युत कार्यपालक अभियंता को यह आदेश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में फ्रेंचाइजी कर्मीयों से घर घर जाकर राजस्व संग्रहण करने को कहें।आरआरएफ संघ ने महाप्रबंधक राजस्व के इस आदेश की घोर निंदा की।संघ के अध्यक्ष श्री शंकर कुमार ने कहा कि पूरा देश लाॅकडाउन के वजह से अस्त व्यस्त है फिर भी प्रधानमंत्री के आदेश का पालन कर रहा है और ऐसी विषम परिस्थिति में किसी उपभोक्ता के यहाँ जाकर पैसा मांगना अमानवीय कृत्य लगता है।जबकि सरकार और प्रशासन ने लाॅकडाउन के पालन के लिए अपने जी जान की बाजी लगा दी है और ऐसी स्थिति में घर-घर जाना लाॅकडाउन के नियमों की अनदेखी होगी या यूँ कहें कि महाप्रबंधक राजस्व फ्रेंचाइजी कर्मी को लाॅकडाउन तोड़ने का आदेश दे रहे हैं।
इस संकट के समय में कम्पनी के द्वारा घर-घर जाकर राजस्व संग्रहण करने के लिए बोला जा रहा है क्या यह न्यायोचित है। ऐसी स्थिति जब प्रतिदिन औसतन दस कोरोना मरीजों की वृद्धि हो रही तब कार्यक्षेत्र में बिना किसी सुरक्षा के कार्य करना कहाँ तक आरआरएफ के हित में है।
इस समय प्रधानमंत्री के आदेशानुसार सभी कम्पनियों ने अपने कर्मचारीयों को बिना कार्य किए उनका पूर्ण वेतन दिया लेकिन विद्युत विभाग के पास हम कर्मियों के लिए कुछ भी नहीं जबकि हम फ्रेंचाइजी कर्मीयों ने 2013 से दिन रात मेहनत कर विद्युत विभाग को एक नया आयाम दिया है।
इन्हीं सभी बातों के संदर्भ में आरआरएफ संघ ने अपने छः जायज मांगों का मांगपत्र सभी जिला पदाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को ईमेल के माध्यम से भेजा है ताकि लाॅकडाउन के नियमों का उल्लंघन ना हो और काम बंद कर दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार किस तरह इनके मांगों को मानती है क्योंकि मामला बिहार के लगभग 8400 फ्रेंचाइजी कर्मीयों के सुरक्षा और विद्युत विभाग के राजस्व संग्रहण से जुडा हुआ है। उपरोक्त जानकारी प्रेस को शंकर कुमार, अध्यक्ष बिहार राज्य ग्रामीण विद्युत फ्रेंचाइजी कामगार संघ समस्तीपुर ने वाट्सएप माध्यम से दिया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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