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मजदूर दिवस को भाकपा-माले ने मांग दिवस के रूप में मनाया


भाकपा (माले) के जिला कमेटी सदस्य फूलेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में नये राशनकार्ड के उपभोक्ता को एम. ओ.और डीलर के मिलीभगत से राशन नही दिए जाने और मुफ्त में वितरण किए जाने वाले राशन की कालाबाजारी के खिलाफ

लॉक डाउन में उधोगपतियों को दिए गए छुट की तर्ज पर किसानों का केसीसी कर्ज माफ करने की किया मांग 

अमरदीप नारायण प्रसाद



उजियारपुर/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 01 मई,20)।भाकपा (माले) के उजियारपुर प्रखंड कमेटी ने मजदूर दिवस को मांग दिवस के रूप में मनाया। नोवेल कोरोना त्रासदी में लॉक डाउन का पालन करते हुए पंचायत स्तर पर फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ धरना व उपवास रखा गया। भगवानपुर देसुआ में भाकपा (माले) के जिला कमेटी सदस्य फूलेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में नये राशनकार्ड के उपभोक्ता को एम. ओ.और डीलर के मिलीभगत से राशन नही दिए जाने और मुफ्त में वितरण किए जाने वाले राशन की कालाबाजारी के खिलाफ तथा ओलावृष्टि और आंधी में किसानों के बर्बाद हुए फसल का 25 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा के साथ ही लॉक डाउन में उधोगपतियों को दिए गए छुट की तर्ज पर किसानों का केसीसी कर्ज माफ करने की मांग किया है।
पतैली पूर्वी में प्रखंड कमेटी सदस्य अमित कुमार राम के नेतृत्व में धरना व उपवास पर बैठे कार्यकर्ताओं ने एकशिला में पिछले दिनों अग्नि पीड़ित 19 परिवारों में से छह परिवारों को सरकारी सहायता से वंचित किए जाने की निंदा करते हुए तत्काल वासुदेव पासवान, विकेश कुमार पासवान, सुखदेव पासवान, अजित पासवान, पलटन पासवान और सुजीत पासवान को सरकारी सहायता देने, कोरोना त्रासदी में हर मजदूर परिवार को 10 हजार रुपये सरकारी सहायता देने और मनरेगा में 5 सौ रुपये मजदूरी तथा साल में 200 दिन काम देने की मांग किया है।
 पतैली पश्चिमी पंचायत के कोरबद्धा में अर्जुन दास के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने एकदिवसीय धरना व उपवास में भूमिहीन खेत-मजदुर परिवारों को वासगीत जमीन देने ,पोखर के भिण्डा सहित सरकारी जमीन पर वसे गरीबो को उजारने पर रोक लगाने तथा प्रदेश में फसे प्रवासी मजदूरों को अपने घर वापसी के लिए बिहार सरकार द्वारा बन्दोबस्त किये जाने की मांग किया है ।
उपर्युक्त एक दिवसीय धरना वो उपवास की जानकारी प्रेस के लिए जनहित में जारी करते हुए भाकपा (माले) के स्थायी जिला कमेटी सदस्य फूलबाबू सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की बिहार सरकार पिछले 15 वर्षो से सुशासन की ढोल बजाते आ रहा है लेकिन दूसरे प्रदेश में जाकर रोजी-रोटी कमाने वाले प्रवासी मजदूरों को अपने प्रदेश में काम का प्रबंध कर पाने में विफल साबित हुआ है।
 उल्टे, कोरोना जैसा महामारी के दौड़ान बिहार सरकार के मंत्री प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाने से इनकार तरते हुए मजदूरों को कोरोना बम कह कर अपमानित करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बेशर्मी की हद पार न करे तत्काल दूसरे प्रदेश में फसे बिहारी मजदूरों और छात्रों को घर तक वापस लाने की गारंटी करे। धरना व उपवास में रामेश्वर दास, पंकज दास, रामचन्द्र दास, संदीप कुमार, मंटुन कुमार, सचिन कुमार, मीना देवी, संजू देवी, रेणु देवी, रीता देवी, विन्दु देवी, मोहनी देवी, चन्देश्वर साह, सुनील कुमार राम, मिथलेश राम, मनोज राम, विन्दु राम, विन्देश्वर राम, चिन्ता देवी, राजो देवी, रंजन देवी ,प्रमेश्वर राम, त्रिवेणी राम ,मंजय राम और शैल कुमारी देवी इत्यादि ने भाग लिया। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अमरदीप नारायण प्रसाद की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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