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सीतामढ़ी रीगा चीनी मिल के श्रमिकों के साथ उप श्रमायुक्त एवं मिल प्रबंधन का वार्ता विफल

श्रमिकों के सामने भूखमरी की समस्या

14मई 2020
विमल किशोर सिंह
(मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय)
सीतामढ़ी/कोरोना वायरस (कोविड 19) जैसी घातक बीमारी से पूरी देश और दुनिया तबाह है. इस संकट की घड़ी में सरकार के तरफ से सभी प्रकार से लोगों तक सहायता पहुंचायी जा रही है ताकि किसी भी आम जन को दिक्कत न हो. कुछ समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा भी लोगों तक राहत सामग्री पहुंचायी गयी है. दूसरी तरफ देखें तो जिले का मात्र एक चीनी उद्योग जहां चार दिनों से मिल के मुख्यद्वार को बंद करके सभी कर्मचारियों का जाना बंद कर दिया गया है. उन्हें अपने कार्य से दो महीने के लिए मुक्त कर घर बैठने का आदेश जारी कर दिया गया है.परन्तु इसकी सूचना ना तो इनके द्वारा यूनियन को दी गई और नाही किसी और को. बुधवार की देर शाम रीगा मिल मजदूर सभा, वर्कर्स यूनियन, उप श्रमायुक्त(मुजफ्फरपुर)श्रम अधिक्षक (सीतामढ़ी) एवं रीगा चीनी मिल प्रबंधन के साथ एक बैठक वार्ता हुई जिसमें कुछ खास पहलूओं पर वार्ता नही बनी जिसके कारण वार्ता सफल नहीं हो सका.रीगा मिल मजदूर सभा के उपाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने बताया कि उप श्रमायुक्त के पूछे जाने पर प्रबंधन के प्रतिनिधि ने कहा कि जो नोटिस मै दिया हूं जो स्टैन्डिंग ऑडर धारा 135 के तहत है इसी स्टैन्डिंग ऑडर पर मै कायम हूं. उन्होंने बताया कि जबकि स्टैन्डिंग 135 के बाद भी उस कानून में खण्ड है जो दर्शाता है कि नो वर्क नो पे का नियम लागू नहीं हो सकता है.
वहीं रीगा मिल मजदूर सभा के महासचिव अशोक कुमार सिंह ने बताया कि किसी इन्डस्ट्रीज को बन्द करने के लिए 60 दिन पहले बिहार सरकार को सूचित किया जाता है और बिहार सरकार, यूनियन प्रतिनिधि एवं प्रबंधन के बीच वार्ता करने के बाद अगर एक्ट के अनुसार फैक्ट्री बंद करने की स्थिति बनती है सर्वसम्मति से ले ऑफ किया जाता है और उस अवधि में पन्द्रह दिनों का वेतन देना अनिवार्य है लेकिन यहां तो ले ऑफ का कोई मामला ही नहीं बनता है. फैक्ट्री लगभग 74 दिनों तक चली है, नये कानून के मुताबिक फैक्ट्री फैक्ट्री अगर 45 दिनों तक चलती है तो ऐसा कानून नही बनता है. रीगा चीनी मिल वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रामानन्दन ठाकुर कहा कि उप श्रमायुक्त के द्वारा प्रबंधन से पूछा गया कि आपने किस आधार पर नोटिस चस्पा कर मजदूरों को बैठाया है. यह कानूनन अवैध है.यह लेऑफ दर्शाता है और इस आधार पर भी आधा वेतन देना पड़ेगा.
उप श्रमायुक्त ने प्रबंधन को निर्देश दिया कि 18 मई तक अपना पक्ष अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें. बैठक वार्ता में रीगा चीनी मिल प्रबंधन के तरफ से प्रतिनिधि के रूप में आर. के. पाण्डेय,(महाप्रबंधक वाणिज्य),बी.के.शर्मा(महाप्रबंधक एच आर), के.एन.सिंह(डीजीएम लीगल)
एवं दोनों यूनियन के प्रतिनिधि उपस्थित थे.इस वार्ता को बताने के लिए गुरुवार सुबह आठ बजे मिल के मुख्य द्वार पर शारीरक दूरी का पालन करते हुए एक मिटिंग आयोजित कर श्रमिकों को इसकी जानकारी दी गयी.
मीटिंग के अंत में मिल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई. मौके पर लगभग उपस्थित सभी श्रमिकों ने एक साथ नारेबाजी करने के बाद अपने अपने घर चले गए.सभी के मुख पर एक ही बात है कि आखिर क्या होगा.
Published by-vimal kishor singh

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