तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को एक सप्ताह तक बंधक बनाने से एक की मौत के खिलाफ माले का प्रदर्शन
यूपी सड़क हादसा में मृतकों के परिजनों को 20- 20 लाख रूपये मुआवजा दें मोदी सरकार
कंपनी मालिक द्वारा बिहारी मजदूरों को तमिलनाडु में एक सप्ताह तक बिना भोजन-पानी कमरे में बंद रखने से एक की हुई मौत एवं 6 अस्पताल में भर्ती के खिलाफ रविवार को भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने शहर के विवेक-विहार मुहल्ला स्थित अपने आवास पर हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे कार्डबोर्ड लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान उन्होंने मीडिया से प्राप्त खबरों का हवाला देते हुए बताया कि लाकडाउन के कारण तमिलनाडु के आणिचल जिले के कानचारी थाना क्षेत्र स्थित बालाजी कंपनी के बंद होने पर घर लौटने हेतु मजदूरों द्वारा बकाया मांगने पर मालिक ने 7 मजदूरों को एक सप्ताह तक एक कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया. जानकारी होने पर पड़ोसी द्वारा पुलिस को जानकर देने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा ताला खोलकर गंभीरावस्था में सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ बिहार के चकाई के रेनुवाडीह निवासी 30 वर्षीय मजदूर रोहड़ा मुर्मू की मौत 15 मई को हो गई जबकी अन्य का ईलाज जारी है.
माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने घटना को हृदयविदारक बताते हुए दोषी कंपनी मालिक की गिरफ्तारी, मजदूरों की तत्काल वापसी, मृतक एवं बीमार मजदूरों को मुआवजा देने के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में प्रताड़ना झेल रहे बिहारी मजदूरों की सुरक्षा देने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है.
माले नेता ने यूपी के औरैया में सड़क हादसा में मरे मजदूरों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को 20-20 लाख रूपये मुआवजा देने, घायलों का सरकारी स्तर पर बेहतर ईलाज एवं मुआवजा देने की मांग बिहार सरकार से की है.
माले नेता ने कहा कि सरकार को मालूम है कि हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर ट्रक, बस, आटो, पैदल अपने गाँव लौट रहे हैं लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने इसके खिलाफ लोगों से आगे आकर मजदूर विरोधी सरकार के खिलाफ संघर्ष करने की अपील की है.