नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने चीन को दिया गया 470 करोड़ का ठेका किया रद्द कर दिया है. इसकी वजह बताते हुए रेलवे की ओर से कहा गया है कि चार साल में केवल 20 फीसदी काम हुआ है और काम की धीमी गति की वजह से ठेका रद्द किया गया है.डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (DFCCIL) की ओर से बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिगनल एंड कम्यूनिकेशंस ग्रुप कंपनी लिमिटेड को कॉन्टेक्ट दिया गया था जिसे काम में लेटलतीफी के चलते रद्द किया गया है.डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया पर कानपुर से दीनदयाल उपाध्यय नगर (मुगल सराय) जैसे स्टेशन सिग्नलिंग और टेलीकॉम का 471 करोड़ का यह कॉन्ट्रैक्ट चीनी कंपनी को दिया गया था.
पिछले कुछ दिनों से लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष कुछ दिनों से हो रहे। वही देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ती जा रही है. लद्दाख संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों सहीद हो गए थ। दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक चीन के भी करीब 45 सैनिकों की इस संघर्ष में मौत हुई है. इससे पहले भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने भी यह फैसला किया था कि बीएसएनएल को अपग्रेड करने के लिए चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सरकारी सूत्रों की मानें तो मंत्रालय ने बीएसएनएल से कहा है कि सुरक्षा कारणों के चलते चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाए. विभाग ने इस संबंध में टेंडर पर फिर से काम करने का फैसला किया है. विभाग निजी मोबाइल सेवा ऑपरेटरों से चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए उपकरणों पर उनकी निर्भरता को कम करने के लिए भी विचार कर रहा है.