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सरकार की घोषणा के अनुसार होली से पूर्व नहीं मिला अनुदानविगत 8 वर्षों से नहीं मिला है अनुदान

वित्त रहित शिक्षकों की हालत हुई बदहाल !

चरणबद्ध आंदोलन शुरू
स्थानीय विधायकों के घेराव का लिया गया निर्णय !


समस्तीपुर/सरायरंजन प्रतिनिधि।


वित्त रहित डिग्री एवं इंटर के संबद्ध महाविद्यालयों के प्राध्यापकों का हाल पैसे के अभाव में बेहाल हो गया है। सारे संसार में एकमात्र बिहार के माथे का कलंक वित्त रहित शिक्षा नीति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2008 में समाप्त करने की घोषणा की। छात्रों के परीक्षा फल के आधार पर अनुदान देने की घोषणा की थी। दो बार अनुदान देने के बाद, अनुदान देने की प्रक्रिया पूरी तरह बंद है।डिग्री महाविद्यालय में आठ वर्षों से अनुदान नहीं प्राप्त होने से महाविद्यालय के कर्मियों में भुखमरी का संकट उत्पन्न हो गया है। कोरोना महामारी के दौरान जहां सरकार द्वारा सभी आम लोगों को हर प्रकार की सहायता दी गई। वित्त रहित शिक्षक दाने-दाने के लिए तरसते रहे। राज्य सरकार द्वारा होली से पूर्व ही सात वर्ष का एक मुश्त अनुदान दे दिए जाने की घोषणा की गई थी। लेकिन बिहार सरकार वादाखिलाफी करते हुए अब तक अनुदान का एक पैसा भी नहीं दे पाई है। फलस्वरूप वित्त रहित शिक्षकों में भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया है। स्थानीय केएसआर कॉलेज सरायरंजन सहित क्षेत्र के सभी वित्त रहित शिक्षकों ने चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया है। अनुदान नहीं वेतनमान दो, आंदोलन के तहतविगत 8 वर्षों के बकाया अनुदान के साथ-साथ पूर्ण वेतनमान की मांग को लेकर वित्त रहित प्राध्यापकों ने स्थानीय विधायकों एवं बिहार विधानसभा अध्यक्ष को घेराव करने का निर्णय लिया है। स्थानीय महाविद्यालय के प्राध्यापकों के द्वारा आंदोलन के प्रथम चरण में समस्तीपुर के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन का घेराव किया गया। अब मोरवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक विद्यासागर सिंह निषाद का घेराव किया जाएगा। इसके बाद स्थानीय विधायक एवं बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी का घेराव करने का निर्णय लिया गया है।यदि स्थानीय विधायकों के घेराव के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी। तो सरायरंजन से पटना तक आमरण अनशन एवं धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया गया है।
Published by Amit kumar

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