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वर्चुअल रैली के खिलाफ वामदलों ने भरी हुंकार ,मनाया धिक्कार दिवस


आलोक वर्मा
मिथिला हिन्दी न्यूज नवादा : वामदलों के आहवान पर विश्वासघात और धिक्कार दिवस के तहत अभासी रैली नही, रोजगार चाहिए , कोरोना से सुरक्षा की गारंटी करो , इनकम टैक्स के दायरे के बाहर सभी परिवारो को छः माह तक 7500 रूपया मासिक भत्ता दो , सभी व्यक्ति को 10 किलो अनाज दो , मनरेगा में 200 दिन काम और बढी हुई मजदूरी की गारंटी करो , योजना का विस्तार शहरों तक करो , रास्ते में मारे गए प्रवासी मजदूरों और क्वारंटाइन सेंटरों में मौत के खिलाफ मजदूरो की 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दो किसानो के केसीसी सहित सभी कर्जे माफ करो । फसलों की खरीद की गारंटी करो , प्रवासी मजदूरो को अपमानित करना बंद करो आदि सवालों को लेकर वामदलों ने सीपीएम कार्यालय के समक्ष फिजिकल डिस्टैंसिंग बनाकर सरकार विरोधी नारे लगाए । कार्यक्रम की अध्यक्षता माकपा जिला सचिव काॅ नरेशचन्द्र शर्मा ने किया। जबकि भाकपा माले के काॅ भोलाराम, सावित्री देवी , काॅ सुदामा देवी , अर्जुन पासवान , रामधनी महतो, भाकपा के काॅ.अर्जुन सिंह, ललन सिंह व माकपा के उमेश प्रसाद , मुकलेश कुमार , वीपीन कुमार जिले के अकबरपुर के माखर में काॅ.गजाधर मांझी , रमेश पासवान , पकरीवरावाँ के धरनी विगहा में काॅ लटन रविदास , दानी महतो, ढोढा मे खेग्रामस सचिव काॅ अजीत कुमार मेहता , भगवानपुर मे इनौस अध्यक्ष काॅ नंदु प्रसाद यादव , कौआकोल में काॅ दिलीप कुमार , रजौली के हरदिया में काॅ मेवालाल राजवंशी , सिरदला के अमौखरी में काॅ दानी विद्यार्थी ने विरोध दिवस मनाया । विरोध दिवस को वाम नेताओ ने संबोधित करते हुए कहा कि कोविड 19 जैसे महामारी से निपटने के बजाय गरीबो को अपने हाल पर छोङ दिया है । बिना तैयारी तालबंदी कर गरीबों को भूखो मरने के लिए विवश कर दिया है । वर्चुअल रैली कर देश को एक बार फिर सांप्रदायिक आग में ढकेलना चाह रहे है । जिसे देश और राज्य की जनता बखुबी समझ रही है । बिहार की जनता इनके मंशुवा पर पानी फेर कर ही दम लेगी । यहाँ सांप्रदायिक ताकतो का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा । इसीलिए वामदल बिहार में सांप्रदायिक के खिलाफ हुंकार भरकर धिक्कार दिवस मनाया।

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