आर्मी पावर की बात करें तो चीन भारत से काफी मजबूत है. दोनों देशों के बीच हालात बहुत ही नाजुक हो गए हैं. दोनों देशों के बीच जुबानी जुंग शुरू हो गई है. चीन ने भारत को 1962 युद्ध से सबक लेने को कहा तो वहीं भारत ने करारा जवाब देते हुए कहा कि ये आज का भारत है.भले ही चीन की आर्मी के सामने भारत की सेना हल्की नजर आती है लेकिन कई मामलों में भारत आगे है. चीन के पास भले ही सबसे पावरफुल आर्मी है लेकिन भारत के पास दूसरे देशों का सहयोग है. सोशल मीडिया पर भी जब भारत-चीन आर्मी के बीच तुलना की तो, लोगों ने कई बातों पर प्रकाश डाला जो गौर करने वाली चीज है.
अमेरिका -
अमेरिका मौजूदा समय में भारत का सबसे ताकतवर दोस्त है.
जापान -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो अबे की दोस्ती का असर यहां पर भी दिखा है. जापान ने खुले तौर पर भारत का साथ दिया है.
ऑस्ट्रेलिया दक्षिणी चीन सागर को लेकर चीन की दादागिरी को लेकर भी चेतावनी जारी कर चुका है. इस मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया ने चीन की सैन्य महत्वकांशाओं का विरोध किया था.
वियतनाम -
पीएम मोदी ने 2016 में वियतनाम की यात्रा की थी, तभी से लेकर ही दोनों देशों के बीच में संबंधों में मजबूती आई है. दक्षिणी चीन सागर में विवाद को लेकर वियतनाम की चीन से हमेशा ही ठनी रही है, इसके अलावा भारत ने उसकी लगातार मदद की है.
यूरोपीय देश भी आ सकते हैं साथ -
यूरोप के कुछ ताकतवर देश जैसे फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन भी चीन के मुद्दे पर भारत के साथ आ सकते हैं. भारत के इन सभी देशों से रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं, वहीं कई मुद्दों पर इन देशों ने भारत का साथ दिया है.