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गोरे लोगों की एशियाई और काले लोगों की तुलना में पश्चिमी देशों में इम्यूनिटी और शारीरिक क्षमता अधिक- डॉ संजीव कुमार सिन्हा

'बिहार बौद्धिक और तकनीकी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ-प्रोफेसर रेखा कुमा

अमित कुमार यादव 

मिथिला हिन्दी न्यूज :- जी एम आर डी कॉलेज, मोहनपुर, समस्तीपुर,कुंवर सिंह काॅलेज, दरभंगा और आर. के. काॅलेज, मधुबनी के संयुक्त तत्वावधान में दूसरा अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार सह सेमिनार शनिवार को देर शाम "कोविड-19 पेनडेमिक:कम्युनिटी एण्ड क्रिटिकल केयर परसपेक्टिभस" विषय पर आयोजित की गई । केएसकॉलेज,दरभंगा के प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। स्वागत भाषण जीएमआरडी काॅलेज के प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम राय ने दिया। सभी अतिथियों, भागीदारों का स्वागत करते हुए कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा का सुदूर पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में स्थित एक महाविद्यालय के साथ दो प्रीमियम काॅलेजों के साथ संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार सह सेमिनार का आयोजन करना सुखद है । हमारे महाविद्यालय का लाॅकडाउन पीरीयड में विश्वविद्यालय से लेकर राज्य, देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी है । लाॅकडाउन पीरीयड में सात व्याख्यान, एक राष्ट्रीय वेबीनार सह सेमिनार, एक सप्ताह का फेकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम, दो अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार सह सेमिनार आयोजित की गई । दो हजार से ज्यादा ई-कनटेंट और दर्जनों वीडियो लेक्चर काॅलेज के वेबसाइट्स पर अपलोड किया गया है । धन्यवाद ज्ञापन केएसकॉलेज,दरभंगा के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अफशॉ बानो, और स्वाति राय ने किया। अतिथियों का परिचय डॉ प्रयुत्मा ने कराया।
      मुख्य अतिथि प्रोफेसर रेखा कुमारी, निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, बिहार सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का उद्घाटन करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के महाविद्यालय द्वारा लगातार लाॅकडाउन पीरीयड में वेबीनार के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित करना बिहार की बौद्धिक और तकनीकी क्षेत्र में जागरूकता और सक्रियता को दर्शाता है । कहा कि ग्रामीण क्षेत्र का महाविद्यालय अमेरिका, इंगलैंड, कतार, बंगलादेश, नेपाल, भारत के मेडिकल डाक्टरों के टीम को संगठित कर अपने क्षेत्र के साथ- साथ राज्य और देश के लोगों को कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए जागरूक कर रहा है, इसके लिए प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम राय को हार्दिक धन्यवाद दिया । कोरोना महामारी का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण करते हुए शार्क, विभिन्न तरह के फ्लु के संदर्भ में बताया। लॉकडाउन पीरियड में लाखों प्रवासी मजदूरों को कोरेंनटाइन कर सुरक्षा के तमाम उपाय किए गए, इसके लिए बिहार सरकार को धन्यवाद दिया। पटना मेडिकल कॉलेज हास्पीटल, पटना से शिक्षित दो डाक्टर क्रमशः डाॅ अवनी कुमार, अमेरिका और डॉ संजीव कुमार सिन्हा, इंगलैंड को मुख्य वक्ता के रूप में अपना समय देने के लिए धन्यवाद देते हुए अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार सह सेमिनार का विधिवत उद्घाटन किया । 
डाॅ संजीव कुमार सिन्हा,यूनाइटेड किंगडम में कोनवे मेडिकल सेंटर में जेनरल प्रैक्टिशनर प्रिंसिपल एण्ड जीपी ट्रेनर हैं। विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि हम इंगलैंड में रोगी को पहले कम्युनिटी के तहत संपर्क करते हैं और अपने को कैसे सुरक्षित रखें, दूसरे को कैसे सुरक्षित रखें, वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से घर में कोरोन्टाइन करते हैं । उन्होंने कहा कि इंगलैंड में कोरोन्टाइन सेंटर नहीं है । रोगी को घर में हीं कोरोन्टाइन किया जाता है । विशेष परिस्थितियों में हीं रोगी को हास्पीटल में भर्ती किया जाता है । उन्होंने कहा कि हाथ की सफ़ाई, मास्क पहना, सामाजिक दूरी, स्वस्थ भोजन से हीं हम सुरक्षित रह सकते हैं । कोई नहीं सोचता था कि इसतरह की बीमारी आएगा जो संपूर्ण दुनिया को प्रभावित करेगा । कहा कि यह महामारी जल्दी इन्फेक्शन करता है । घर में बंद रहने से हीं बीमारी रूकेगा लेकिन भारत एक गरीब मूल्क है जहां लंबे समय तक लाॅकडाउन संभव नहीं है । 
  डॉ अवनी कुमार, न्यू जर्सी, अमेरिका ने कोविड-19 शरीर के विभिन्न अंगों को कैसे प्रभावित करता है,विस्तार से बतलाया। कोरोना के रोगियों को उपचार के दौरान किसतरह से शारीर में लक्ष्ण प्रतिबिंबित होते हैं, इसपर चर्चा की। 
नोर्थ इस्ट मेडिकल कॉलेज, सिलहट, बंगलादेश के चतुर्थ वर्ष के छात्र सह नेपाल के मूलनिवासी अमन कुमार राय ने छात्रों के दृष्टिकोण से कोरोना गरीब मूल्कों खासकर नेपाल, बंगलादेश और भारत के संदर्भ में तुलनात्मक दृष्टिकोण रखा।
 प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार मंडल, डॉ लझ्मण यादव, डॉ बवीता जैन, प्रोफेसर सुधीर चंद्र जैना, डॉ अलाउद्दीन अजीज, अर्चना, रामनारायण पंडित, डॉ रहमतुल्लाह, डॉ रवींद्र कुमार चौधरी, प्रोफेसर वकील कुमार, डॉ घनश्याम राय,डॉ अनुप्रिया, अनामिका सोनी,मोनालिसा, आश्लेषा राय, निर्मला कुमारी ने सवाल पूछे। डॉ संजीव कुमार सिन्हा ने जबाव देते हुए कहा कि बाबा रामदेव द्वारा कोरोना की दवा बनाने की आधिकारिक जानकारी नहीं है। इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक हो सकता है परन्तु कोरोना के ईलाज में कारगर है कि नहीं, समय बताएगा। आर्युवेद, होमियोपैथ या अन्य पैथ की भी उपयोगिता रही है। कहा कि इंग्लैंड में कोरोना से अंग्रेजों के वनिस्पत एशियाई मूल के लोग और काले लोग ज्यादा मर रहें हैं। इसका कारण है कि अंग्रेजों की शारीरिक क्षमता और इम्यूनिटी पावर ज्यादा है। भारत में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या पर कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क, हाथ की सफि हीं उपाय है। पुनः लॉकडाउन गरीबों के लिए हितकर नहीं है। महाविद्यालय के शिक्षक रामागर प्रसाद, डॉ संतोष कुमार, डॉ लक्ष्मण यादव, दिनेश प्रसाद, डॉ सूर्य प्रताप, डॉ संजीत लाल, डॉ उदय कुमार उपस्थित थे। एक सौ सत्रह लोग ऑनलाइन कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की समाप्ति राष्ट्र गान से की गई। 

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