मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार के गोपालगंज जिले के बरौली से प्रारंभ हुआ कोरो ना माई का पूजा अब धीरे-धीरे पूरे बिहार में वायरल हो चुका है आप इसे अंधविश्वास कहें या धर्मांधता पर लोगों की आस्था बलवती हो चुकी है जिस महामारी को रोकने में विज्ञान पूरी तरह असक्षम हो चुका है पूरी दुनिया थम चुकी है मानव अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है, कोई किसी का मददगार नहीं है रोजी रोजगार ठप हो चुका है लोग अपने घरों में कैद हो चुके हैं ऐसे में कोरोना माई की पूजा ग्रामीण इलाकों में लोगों के लिए कौतूहल का विषय है हम इस अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दे रहा है पर लोगों की आस्था को भी खंडित करने का प्रयास नहीं कर रहे इस पूजा से किसी का भला हो या ना हो बुरा भी नहीं होने वाला. ग्रामीण इलाके में लोगों को लग रहा है कि बंजर भूमि में फूल अक्षत प्रसाद चढ़ाने से कोरोना माइ खुश होगी और इस महामारी से पूरी दुनिया को निजात मिल जाएगा यह आस्था है और इस आस्था से कहीं ना कहीं हम और आप भी जुड़ें है, आपको याद होगा जिस समय पूरी दुनिया चेचक के भय से आक्रांत थी भारत में इसे सीतलामाता से जोड़ा गया आज भी जब घरों में किसी को चेचक होता है तो नीम की पत्तियां और शीतला माता की पूजा के बल पर ही से रोकथाम किया जाता है. भले ही चेचक का टीका ईजाद कर लिया गया और आज भी देसी तरीके से ही चेचक पर भारत में अंकुश लगाया जाता है आस्था होना और अंधविश्वास को बढ़ावा देना तो अलग चीज है. कोरोना माई की पूजा से लोगों को मन में यह विश्वास जग रहा है कि कोरोना पर निजात पा लिया जाएगा. तो फिलहाल किसी भी तरह से निजात नही पाया नहीं जा सकता पर आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए इस तरह के पूजा पाठ से जरूर काम आएगा