मिथिला हिन्दी न्यूज :-कहा जाता है कि मानव जिवन बहुत भाग्यवान को मिलता है ,जिसका पुर्व के कर्म अच्छे हो उसको मानव तन फिर से पुण्य कर्म करने को मिलता है ।परंतु आज कुछ और देख सुन रहे है।अक्सर अखवारों एवं अन्य माध्यम से लगातर रेफ,बलात्कार जैसी सुनने,पढने को मिलता ही है इससे भी ज्यादा रौंगटे तब खरी हो जाती है और आत्मा काप जाता है जब अपने ही पवित्र रिश्तो को तार तार करते हुए कोई हव्सी बन जाता है । आज के समय में किसी को अच्छे बुरे की परवाह नहीं है और सभी लोग अंधों की तरह अपने स्वार्थों की पूर्ती करने में लगे हुए हैं. हम रोज़ ही अखबारों में पढ़ते रहते हैं की फलां स्त्री का अनैतिक यौन समबन्धों के कारण क़त्ल हो गया, फलां के साथ वैसा हो गया.
आजकल स्वाप्पिंग का चलन भी बहुत हो चुका है और हमारे जाने बिना यह बढ़ता ही जा रहा है. कॉलसेंटर कल्चर ने भी स्त्री पुरुष के विवाह पूर्व और विवाहेतर समबन्धों को बढाने में बहुत योगदान दिया है. इन्हीं सब कारणों के चलते विवाह नाम की क्रिया और परिवार नाम का संस्थान बहुत अन्धकार में जा चूका है. यहाँ तक की बड़े परिवारों में रक्त सम्बंधोयों के मध्य ही यौन सम्बन्ध स्थापित हो जाते हैं और किसी को पता नहीं चलता. जब तक पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है.
पंचम भाव और पंचम का उपनक्ष्त्र स्वामी विवाह पूर्व प्रेम सम्बन्ध, शारीरिक सम्बन्ध आदि के होते है अन्य बातों के अलावा, शुक्र काम का मुख्य करक गृह है और रोमांस प्रेम आदि पर इसका अधिपत्य है. मंगल व्यक्ति में पाशविकता और तीव्र कामना भर देता है और शनि गुप्त रास्तों से कामाग्नि की पूर्ती करने को प्रेरित करता है.
मै इतना जरुर कहूंगा कि कोई भी हो,इतना मत गिरो कि पवित्र रिश्ता मे दाग लग जाय ।