नवादा: नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड के बकसौती पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 12 स्थित अमहरा टोला औरैया के ग्रामीण आज भी विकास के रोशनी से कोशों दूर हैं।
ग्रामीण गणेश राम, हीरा राम, छोटेलाल राम, प्रमिला भारती, कौशल्या देवी, रिंकू देवी,मालों देवी, केसरी देवी, आदि समेत दर्जनों महिला पुरुष ने बताया कि हमारे गांव महादलित का गांव है। आज तक हमारे गांव में सरकारी योजनाओं का कोई काम नहीं हुआ है। वर्षो से हमारे महादलित गांव सरकारी विकास के कार्यो से वंचित हैं। हमारे में हमलोगो को आने के लिए कोई साधन नहीं है। हमलोगो को गांव आने तथा गांव से कहीं जाने के लिए पगडंडियों के रास्ते आना जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में तो सबसे ज्यादा परेशानी होती है। लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। आने जाने का रास्ता नहीं रहने से गांव में किसी तरह का इमरजेंसी पड़ने पर भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। सड़क मार्ग नहीं रहने से गांव में लोगों को बिमार होने पर खटिया के सहारे पैदल चलकर लगभग दो किलोमीटर दूर भवनपुर पक्की सड़क तक जाना पड़ता है।तब जाकर किसी तरह वाहन की व्यवस्था कर मरीज को ले जाया जाता है। साथ ही कहा कि जब गांव में शादी विवाह होता है तो नयी नवेली दुल्हन को भवनपुर खखंदुआ मार्ग से गांव तक आने के लिए सड़क मार्ग नहीं रहने से पैदल गांव तक आना पड़ता है। जो गांव के लोगों को काफी सर्मीदंगी होती है। साथ ही कहा कि सात निश्चय योजना से भी हमारे गांव में आज तक कोई विकास कर कार्य नहीं हुआ है, न ही नली गली सोलिंग न ही किसी तरह का हमारे गांव सरकारी भवन बना है। लोगों ने यह भी कहा कि गांव में सड़क,नली गली सोलिंग न समुदायिक भवन को लेकर प्रखंड पदाधिकारी से लेकर जिला पदाधिकारी तक लिखित आवेदन देकर सिकायत किया। लेकिन आज तक न तो अधिकारी न जनप्रतिनिधि इस गांव के बिकास के लिए कोई कदम उठाया। जिसके कारण हमारे गांव आज भी विकास से वंचित हैं।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि 3, वर्ष पहले हमारे गांव में एक समुदायिक भवन निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। लेकिन ठेकेदार द्वारा भवन की राशि को निकासी का सारा रूपया को बंदर बांट कर गवन कर लिया गया। भवन को अधुरा छोड़ दिया गया। जो जर्जर स्थिति में हो गया है और कभी भी गिर सकता है। भवन निर्माण अधुरा रहने व भवन निर्माण के रूपए के निकासी कर गवन कर जाने कि सिकायत प्रखंड से लेकर जिला पदाधिकारी तक लिखित आवेदन देकर किया गया। लेकिन आज तक कोई पदाधिकारी इस अधुरा भवन का हाल चाल नहीं लिए न ही इस अधुरा भवन को पुरा करने के लिए कोई कार्यवाही किया गया।
ग्रामीणों ने कहा कि जब जब चुनाव आता है तो जनप्रतिनिधियों ने गांव का विकास करने सड़क बनाने की बातें कह कर वोट मांगने पहुंच जाते हैं। जीतने के बाद गांव को हालचाल भी लेने नहीं पहुंचते हैं। ग्रामीण महिला पुरुष ने यह भी कहा कि अधुरा समुदायिक भवन को पुरा नही किया गया तो हमलोग डीएम साहेब के पास पुनः आवेदन देते हुए धारना प्रर्दशन करने करने पर मजबूर हो जाएंगे।
बताते चलें कि सरकार बिहार में विकास का ढोल पीट रही हैं कि हर गांव में सड़क, घर गांव में विद्यालय, घर -घर बिजली, घर-घर पानी, हर गांव कि हर गली नली सोलींग , लेकिन इन सब सुविधाओं से आज भी गोविंदपुर के एक ऐसा महादलित गांव है अमहरा टोला औरैया जो इन सब सुविधाओं से वंचित हैं। यहां के लोग आज भी सरकारी योजना से गांवों कि विकास होने का इंतेजार कर रहे है।